देगंगा में चुनाव के बाद भी हिंसा जारी है। बताया जा रहा है कि तृणमूल सदस्यों पर पराजित आईएसएफ उम्मीदवारों के घरों और दुकानों में तोड़फोड़ करने और उनके कार्यकर्ताओं की पिटाई करने का आरोप लगाया गया है। देगंगा के हादीपुर झिकरा नंबर 1 ग्राम पंचायत के अमतला हाट इलाके में गुरुवार रात हुई इस घटना को लेकर तनाव फैल गया। क्षेत्र के पराजित आईएसएफ उम्मीदवार मुसफर मंडल ने आरोप लगाया कि स्थानीय पंचायत सदस्य कमरुज्जमां मंडल ने पहले नामांकन पत्र वापस लेने की धमकी दी। हारने के बाद बुधवार रात पंचायत सदस्यों ने तृणमूल के गुंडों के साथ मिलकर उनकी दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की। कथित तौर पर पार्टी के चार कर्मियों की पिटाई की गयी है और आईएसएफ उम्मीदवार के घर के सामने बम फेंका गया। सूचना मिलने पर देगंगा थाने का बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रित किया।
तृणमूल पंचायत सदास कमरुज्जमां ने दावा किया कि सभी आरोप झूठे और निराधार हैं। उन्होंने कहा कि “पंचायत परिणाम घोषित होने के बाद अमतला हाट में आईएसएफ उम्मीदवार के पिता हजरत अली दलबोल ने कई तृणमूल कार्यकर्ताओं को बुरी तरह पीटा।” घायलों को बचाया गया और बिश्वनाथपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया और पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई। अभी तक पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने रात में दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की और दूसरों को दोषी ठहराया। ये पूरी तरह झूठ है।