कड़ी सुरक्षा के बीच 5 सालों बाद आज संपन्न हुआ टेट परीक्षा

TET परीक्षा पर ब्रात्य ने शुभेंदु पर कसा तंज

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कोलकाताः पश्चिम बंगाल में टीईटी (प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा) के प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप रविवार को भी सामने आया। शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने आरोपों को खारिज कर दिया।

रविवार को अवकाश होने के बावजूद वह अपने विकास भवन स्थित कार्यालय में बैठकर टीईटी परीक्षा पर नजर रखे थे। उन्होंने प्रश्न पत्र लीक होने के आरोप को खारिज करते हुए नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी पर हमला बोला।

उन्होंने कहा कि विपक्षी दल के नेता के तौर पर अगर उन्हें खरीद-फरोख्त के सवाल की जानकारी होती तो उन्हें सरकार को इसकी जानकारी देनी चाहिए थी।

रविवार को कड़ी चौकसी के बीच टीईटी की परीक्षा हुई। विपक्ष का दावा है कि पिछली टीईटी में भ्रष्टाचार को लेकर राज्य सरकार ने इस बार सख्त कार्रवाई की है। राज्य में लगभग 7 लाख परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे।

भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी की शिकायत पर ब्रात्य ने कहा कि अगर उन्हें कॉल आती है, तो नंबर हमें दिए जाने चाहिए। ताकि सरकार ठीक से परीक्षा करा सके।

वह इस राज्य के विपक्ष के नेता हैं। उन्हें सहयोग करने की जरूरत है ताकि राज्य अच्छी तरह से परीक्षा आयोजित कर सके। ये सब किए बिना कितनी झूठी बातें कह रहे हैं।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि साल 2012 में जब टीआईटी हुआ था, जब वे शिक्षा मंत्री थे, तब भी इसी तरह की निगरानी चल रही थी। लेकिन अब मोबाइल के जरिए परीक्षा में भ्रष्टाचार होने की संभावना ज्यादा है।

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इसलिए निगरानी बढ़ा दी गई है। उनके शब्दों में, “निगरानी बढ़ गई है। जिस तरह से मीडिया की संख्या बढ़ी है, लाखों मोबाइल चल रहे हैं, इसलिए हमें इस पर नजर रखनी होगी।

ब्रात्य ने कहा कि जो तस्वीर वायरल हो रही है, वह वास्तव में एक झूठा प्रश्न पत्र है। मैंने बोर्ड को बताया। बोर्ड ने पूछताछ की। यह ‘नकली’ है। ममता की सरकार को परीक्षा लेने रोकने की कोशिश की जा रही है। परीक्षा ली जा चुकी है।

ब्रात्य बसु ने कहा कि यह सिर्फ शिक्षा विभाग के बारे में नहीं है। इसमें कई विभाग जुड़े हुए हैं। गृह विभाग है। सूचना प्रौद्योगिकी, साइबर क्राइम ब्रांच शामिल हैं।

उनके शब्दों में, “पहले क्या हुआ, परिषद ने इसे खत्म कर दिया है। बोर्ड ने जिस तरह से इस परीक्षा को आयोजित किया है, अतीत को ध्यान में रखते हुए, इसमें सुधार किया है, उसके लिए मैं तहे दिल से बधाई देता हूं। माननीय मुख्यमंत्री के सहयोग के बिना इस तरह से परीक्षा कराना संभव नहीं था। इस बार सात लाख लोगों ने परीक्षा दी।