Breaking News: नीतीश सरकार को हाई कोर्ट से झटका, जातीय गणना पर लगी रोक

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बिहार : जातीय गणना से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. जातीय जनगणना पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर की गई याचिका पर गुरुवार 4 मई को पटना हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है. बिहार सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि तीन दिन के अंदर सुनवाई कर पटना हाई कोर्ट इस मामले में अंतरिम आदेश दे. बिहार सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही पटना हाई कोर्ट में अपनी दलील रख रहे थे. अब इस आदेश को नीतीश सरकार के लिए बड़ा झटका के रूप में देखा जा रहा है.चीफ जस्टिस की बेंच में आदेश दिया गया है कि तत्का प्रभाव से इसे रोकें. इसी के साथ हाईकोर्ट ने डाटा सुरक्षित रखने का भी निर्देश दिया है. आपको बता दें कि बीते दिन सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रखा था. यह फैसला जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच में लिया गया. पटना हाईकोर्ट में मामले को लेकर 2 दिन सुनवाई हुई. जातीय गणना को लेकर हाईकोर्ट में दोनों पक्षों ने दलील दी थी. मामले में 3 जुलाई को अगली सुनवाई होगी.

 

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बिहार के सीएम नीतीश कुमार लंबे समय से जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में रहे हैं. नीतीश सरकार ने 18 फरवरी 2019 और फिर 27 फरवरी 2020 को जातीय जनगणना का प्रस्ताव बिहार विधानसभा और विधान परिषद में पास करा चुकी है. हालांकि, केंद्र और पूरी बीजेपी नीतीश कुमार के इस महत्वाकांक्षी योजना के खिलाफ रही है. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर साफ कर दिया था कि बिहार में जातिगत जनगणना नहीं कराई जाएगी. केंद्र सरकार के प्रतिनिधि का सुप्रीम कोर्ट में कहना था कि ओबीसी जातियों की गिनती करना काफी लंबा और जटिल काम है. राज्य की सरकार बिना कोई दूरदर्शिता के इस जनगणना को करने में राज्य का समय और संसाधन बेकार कर रही है.