ब्यूरो रांची : पटना का डाकबंगला चौराहा गुरुवार को रणक्षेत्र में तब्दिल हो गया है. शांतिपूर्ण ढंग से विधानसभा मार्च कर रहे बीजेपी नेताओ और कार्यकर्ताओं पर बिहार की पुलिस के जवानों ने बर्बरतापूर्वक लाठियां बरसाईं. इस दौरान न सिर्फ बीजेपी विधायकों और सांसद को जानवरों की तरह पीटा गया बल्कि महिला कार्यकर्ताओं को भी नहीं बख्शा गया. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी सहित कई बीजेपी नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है. पुलिस के जवानों ने जिस तरह से बीजेपी कार्यकर्ताओं को घेरकर लाठियां बरसाईं उससे सरकार की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं. सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय लोजपा के सुप्रीमो व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने लाठीचार्ज की इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि इसका समाधान लाठीचार्ज नहीं है. बैठकर समस्या का समाधान करना चाहिए. आज की घटना ने इमजेंसी की आज याद ताजा करा दी है. यह सरकार अपनी विपलता के लिए लाठीचार्ज करवा रही है. पशुपति पारस ने कहा कि सिग्रिवाल जी का सिर फट गया है कई महिलाएं भी घायल हो गयी है. प्रदर्शन करने का अधिकार खत्म करना चाहती है. लाठीचार्ज की घटना की घोर निंदा करते हैं. लाठी चलाना और आसूं गैस चलाने का काम अंग्रेज के जमाने में हुआ करती थी जिसकी पुनरावृत्ति नीतीश कुमार के शासनकाल में हो रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने बर्बरता पूर्वक महिलाओं पर लाठीचार्ज किया है बीजेपी के कई नेता इसमें घायल हो गये हैं. सरकार अपनी विफलता को छिपाने के लिए ऐसा कर रही है यह लोकतंत्र के लिए शर्मनाक बात है. सरकार चाहती तो शांतिपूर्वक ढंग से इस समस्या का हल कर सकते थे. सत्ता धारी लोगों को विपक्ष के नेताओं से बात करनी चाहिए.
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