….लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था
ह पैसे कमाने के लिए अपने पिता के साथ काम पर जाने का सपना लेकर घर से निकला था
कोलकता : पश्चिम बंगाल के बर्दवान के कटवा के सरदार का परिवार इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रहा है कि छोटा लड़का कभी वापस नहीं आएगा। उस परिवार के छोटे बेटे का नाम छोटा सरदार था। वह शुक्रवार को पेट की आग बुझाने के लिए अपने पिता के साथ केरल कमाने जाने के लिए निकला था। उसका यह सपना था कि वह वहां जाकर काम करके रुपये कमाए और घर चलाने में अपने पिता का हाथ बढ़ाए। लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था। वह पैसे कमाने के लिए अपने पिता के साथ काम पर जाने का सपना लेकर घर से निकला था। 24 घंटे के अंदर बुरी खबर आई।
जब कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतरी तो पिता ने अपनी जान जोखिम में डाले बिना अपने बेटे को बचाने की कोशिश की। उसके हाथों में उसका बेटे का मृत शरीर था। अपने बेटे का शव अपने हाथों में देख उसके पैरों तले जमीन खिसक गयी। उस पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था।
पूर्व बर्दवान के कटवा का परिवार बिलख रहा है। परिजनों ने बताया कि पिता-पुत्र एक साथ घर से निकले थे। उन्हें केरल जाना था। वह कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन से रवाना हुए थे। सुबह पिता ने घर फोन कर जानकारी दी कि उनके 18 वर्षीय बेटे की मौत हो गई है।