कोलकाताः 2024 की शुरुआत में ही केंद्र सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। गृह मंत्रालय के सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू करने का फैसला लगभग कर लिया है। इस कानून के नियम-कायदों को इसी महीने 26 जनवरी से पहले अधिसूचित कर दिया जाएगा।
हालांकि टीएमसी सीएए का खुलकर विरोध करती आई है। एक बार फिर सीएए मामले पर टीएमसी की तरफ से विरोध किया गया है। राज्य में मंत्री शशि पांजा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर बंगाल में कुछ और बोलते हैं और दिल्ली में कुछ और। सीएए को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ तौर पर बोल दिया है कि यह कानून बंगाल में लागू नहीं होगा। ऐसा जो बोल रहे हैं कि लोकसभा के चुनाव से पहले सीएए लागू होगा तो वो राजनीति कर रहे हैं। क्योंकि सीएए की गाइडलाइन ठीक नहीं है। वे लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। जो बंगाल में रहते हैं, वे ऐसे ही यहां के नागरिक हैं तो उनको दूसरी बार कैसे नागरिकता दी जा सकती है। सीएए गलत है, बंगाल में लागू नहीं होगा।
गौरतलब है कि अगर केंद्र सरकार सीएए को लागू कर देती है तो बांग्लादेश से आए हिंदू शरणार्थियों के लिए यह उम्मीद की किरण लेकर आएगा। वहीं, पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर आए हिंदू-सिख शरणार्थियों को भी बड़ी राहत मिल जाएगी। आंकड़ों के मुताबिक, 2014 तक पाकिस्तान-अफगानिस्तान से 32 हजार लोग भारत आए हैं। सीएए लागू होने से इन्हें नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। गृह मंत्रालय से सीएए लागू करने के ठोस संकेत गृह मंत्री अमित शाह की कोलकाता रैली की घोषणा से मेल खाते हैं। उन्होंने आम सभा में कहा था कि CAA देश का कानून है। इसे कोई रोक नहीं सकता। इसकी मांग अगर कहीं सबसे ज्यादा और विरोध भी सबसे ज्यादा बंगाल में ही हुआ है।