Calcutta High Court: BJP नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ FIR पर रोक के फैसले को चुनौती

हाईकोर्ट में मुकदमा दर्ज करने की अनुमति

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कोलकाताः प. बंगाल विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (BJP ) नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari)के FIR पर रोक लगाने के लिए कोलकाता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) की एकल ने जो आदेश दिया था उसे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (chief justice) प्रकाश श्रीवास्तव की खंडपीठ में चुनौती दी गयी है।

वकील अबू सोहेल ने हाईकोर्ट की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी को संरक्षण देने के हाईकोर्ट की एकल पीठ के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायाधीश राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने सोमवार को चुनौती दी।

सोहेल ने न्यायाधीश राजशेखर मंथा द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने पर खंडपीठ का ध्यान आकर्षित किया। इस पर खंडपीठ ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दे दी।

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आपको बता दें कि हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने 8 दिसंबर को शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ दायर 26 प्राथमिकियों पर अंतरिम रोक लगा दी थी।

न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा था कि शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ बिना अदालत की अनुमति के कोई नई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती है। लेकिन वकील अबू सोहेल ने सोमवार को इस निर्देश को हाईकोर्ट की खंडपीठ में चुनौती दी।

वकील ने दावा किया कि वह पूर्व मेदिनीपुर के नंदकुमार थाने में दर्ज एक मामले में पक्षकारों में से एक है। उन्होंने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट की एकल पीठ ने उनका बयान सुने बिना ही फैसला सुना दिया था।

उल्लेखनीय है कि शुभेंदु अधिकारी ने अपने खिलाफ एक प्राथमिकी के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अदालत से उनकी दलील थी कि या तो FIR को खारिज कर दिया जाए या CBI को आरोपों की जांच करने दी जाए।

शुभेंदु अधिकारी के मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने टिप्पणी की थी कि वह लोगों द्वारा चुने गए हैं। पुलिस या तो खुद या किसी और के इशारे पर विपक्ष के नेता के खिलाफ एक के बाद एक आरोप लगाकर जनता के प्रति उसके कर्तव्य का गला घोंटने की कोशिश कर रही है।