SSC मामला: हाईकोर्ट ने CBI जांच पर जताई नाराजगी , पुनर्गठित की गई SIT

6 महीने में सिर्फ 16 लोगों से हुई पूछताछ

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कोलकाताः  कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती भ्रष्टाचार मामले की सीबीआई जांच पर नाराजगी जताई । बुधवार को ग्रुप-डी और ग्रुप-सी भर्ती मामलों में सीबीआई की एसआइटी भी बदल दी। केंद्रीय जांच एजेंसी के दो अधिकारियों को एसआईटी से हटा दिया गया.

 उनकी जगह सीबीआई के 4 नए सदस्यों को एसआईटी में लाया गया। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने बुधवार को पुनर्गठित पीठ की अध्यक्षता की थी।

जस्टिस गंगोपाध्याय बुधवार को सीबीआई के पूर्व डीआईजी अखिलेश सिंह को पुनर्गठित पीठ की अध्यक्षता में लाए थे। उनका निर्देश है कि वह जहां भी हों संबंधित अधिकारी 7 दिन के अंदर अखिलेश सिंह को कोलकाता भेज दें, बिना कोर्ट की अनुमति के उनका तबादला नहीं किया जा सकता है।

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जस्टिस गंगोपाध्याय ने  कहा कि सीबीआई की स्कूल भर्ती मामले में जांच की गति बेहद ही धीमी हो गई है। पिछले नवंबर में सीबीआई जांच के आदेश दिए गए थे।
सीट का गठन जून में हुआ था। ग्रुप डी में कुल 542 लोगों पर अवैध तरीके से नौकरी करने का आरोप लगा था। सीबीआई ने अब तक सिर्फ 16 लोगों से पूछताछ की है यानी 5 फीसदी से भी कम काम हुआ है। कोर्ट ने सीबीआई से धीमी गति से काम करने के पीछे के कारणों पर भी सवाल उठाया है।

पुनर्गठित एसआईटी को 21 दिनों के भीतर 542 लोगों से पूछताछ करने का निर्देश

पुनर्गठित एसआईटी की टीम को 21 दिनों के भीतर 542 लोगों से पूछताछ करने का निर्देश दिया गया है। हाईकोर्ट का कहना है कि अगर 21 दिनों के भीतर पूछताछ प्रक्रिया पूरी नहीं हुई तो एसआइटी से जवाबदेही की जाएगी।

हाईकोर्ट को जानना है कि किसने खाली उत्तर पुस्तिका जमा दी थी। अदालत ऐसे अभ्यर्थियों के बारे में भी जानना चाहती है, जिन्हें दो या तीन अंक मिले, लेकिन बाद में इनका अंक 52 या 53 हो गया.