अवैध तरीके से नौकरी पाने वालों को कलकत्ता हाईकोर्ट की खरी-खरी

इस्तीफा नहीं देने पर भुगतने पड़ेंगे अंजाम

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कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने फिर एक बार धमकी भरे लहजे में अवैध नौकरी पाने वालों को खरी-खरी सुनाई है। सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई थी।

इसके पहले कोर्ट ने निर्देश दिया था कि जिन्हें फर्जी तरीके से नौकरी मिली है वो स्वेच्छा से इस्तीफा दे दें, कोर्ट को कार्रवाई करने पर मजबूर न करें।

सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गांगुली (Justice Abhijit Ganguly of Calcutta High Court) ने कहा कि पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में अवैध रूप से शिक्षक की नौकरी पाने वाले के इस्तीफा देने का समय खत्म हो गयी है।

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यह सीमा 5 नवंबर तक ही थी। लेकिन इस दौरान पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) (West Bengal School Service Commission) के कार्यालय में अभी तक एक भी इस्तीफा नहीं पहुंचा। कोर्ट ने धमकी भरे लहजे में कहा है कि जिन्होंने अभी भी इस्तीफा नहीं दिया उन्हें बाद में इसके अंजाम भुगतने होंगे।

अब अगली सुनवाई में कोर्ट फिर फैसला सुनाएंगी। जस्टिस गांगुली ने इस मामले की सुनवाई के दौरान फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले अपील करते हुए कहा था कि ऐसे शिक्षक स्वेच्छा से अपना इस्तीफा एसएससी कार्यालय को भेज दें।
उसके बाद यह भी कहा था कि स्वेच्छा से इस्तीफा नहीं देने वालों को इसके परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं।

राज्य में शिक्षक भर्ती घोटाले में कई हाई प्रोफाइल लोग फंसे हैं। जिनमें पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, तृणमूल कांग्रेस के विधायक मानिक भट्टाचार्य, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली और कई अन्य हाई प्रोफाइल लोग हैं। ये लोग शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल होने के कारण न्यायिक हिरासत में हैं।