अभ्यर्थियों ने मुंह पर स्याही पोत खून से सीएम ममता को लिखा पत्र
शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार का विरोध, 800 दिनों से सड़कों पर हैं अभ्यर्थी
कोलकाता: बंगाल शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार के चलते योग्यता के बावजूद नौकरी से वंचित अभ्यर्थी लगातार 800 दिनों से सड़कों पर हैं. वे लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन समाधान अभी तक नहीं निकला है।
उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया, पर राजनीतिक दलों और प्रशासन ने मदद नहीं की। आंदोलन के 800वें दिन अभ्यर्थियों ने सीएम ममता बनर्जी का ध्यान आकर्षित करने के खून से पत्र लिखा। उन्होंने अपने चेहरे पर स्याही लगाकर धरना प्रदर्शन किया।
एसएलएसटी 2016 के अभ्यर्थियों ने मंगलवार को कालीघाट में पूजा की। उसके बाद वे धर्मतल्ला के पास गांधी मूर्ति के पास जॉब वांटेड के पोस्टर लेकर धरने पर बैठ गए। रोटी हाथ में लगे बैनर से जुड़ी थी। इनकी मांग एक ही है, 800 दिन बीत चुके हैं। अब कम से कम सीएम ममता बनर्जी को नियुक्ति के बारे में सोचना चाहिए।
बता दे, भर्ती अधिसूचना 2016 में जारी की गई थी। जिस पैनल में नाम दर्ज था, उसमें मंत्री परेश अधिकारी की बेटी अंकिता को नौकरी मिली थी। ये आंदोलनकारी पैनल के अभ्यर्थी हैं। परीक्षा पास करने के बावजूद नियुक्ति नहीं मिली, जिसके पीछे भारी भ्रष्टाचार है।
ये अभ्यर्थी नौकरी की मांग पर पिछले 800 दिनों से घर से निकलकर सड़कों पर हैं। कभी प्रेस क्लब के सामने, कभी गांधीमूर्ति तो कभी विकास भवन के सामने धरना दे रहे हैं। इस दिन, वे कालीघाट पर देवी काली से प्रार्थना की। भगवान का आशीर्वाद मांगा।
पूजा के बाद अभ्यर्थियों ने कहा, हमने परीक्षा उत्तीर्ण की, लेकिन भ्रष्टाचार के चलते नियुक्ति नहीं हो पायी। अब हम कानून के सफर में पिस रहे हैं। हमने समस्या के समाधान और शीघ्र नियुक्ति की आशा में कालीघाट में पूजा की है।
कालीघाट से लौटकर वे फिर धर्मतल्ला के गांधीमूर्ति के पास में धरने पर बैठ गए। हाथ में लिए पोस्टर-बैनर पर लिखा था, खाना चाहिए, रोजगार चाहिए, जीवन का अधिकार चाहिए। बैनर में अटकी रोटी और पानी का गिलास था।
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि वे इस तरह से प्रशासन का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। वे मुंह पर स्याही लगाकर विरोध में बैठे हैं। उन्होंने सीएम ममता बनर्जी का ध्यान आकर्षित करने के लिए खून से पत्र भी लिखा है।