किसी तरह से समझौता नहीं कर सकती: मिमी चक्रवर्ती

-इस्तीफे की पेशकश के बाद सांसद ने हिसाब-किताब का ब्यौरा दिया

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कोलकाता, सूत्रकार : तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती के गुरुवार को सांसद पद से इस्तीफे की पेशकश क बाद उनकी पहली प्रतिक्रिया आयी है। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि वह अपनी मानसिक स्थिति के साथ कोई समझौता नहीं कर सकतीं। जहां वह खुश नहीं हैं, वहां कोई समझौता नहीं करेंगी।

मिमी ने अपने सांसद निधि के हिसाब-किताब जारी करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया। शुक्रवार दोपहर को सोशल मीडिया पर मिमी की पोस्ट थोड़ी अलग लग रही थी। उन्होंने लिखा कि भविष्य में मैं राजनीति में सक्रिय रहूं या न रहूं, लेकिन अपने काम से लोगों के दिलों में जरूर बनी रहूंगी।

उन्होंने अपने सांसद निधि का पैसा कहां खर्च किया, कैसा काम किया, उसके बारे में लिखा है। मिमी ने सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट का खुलासा किया। बताया है कि 2019 से बतौर सांसद उन्होंने 17 करोड़ रुपये से ज्यादा का काम किया है। किस क्षेत्र में कितना पैसा खर्च हुआ, इसकी भी सूचना दी।

जैसा कि बताया गया है कि गुरुवार को मिमी ने विधानसभा में मुख्यमंत्री चैंबर में जाकर ममता बनर्जी से मुलाकात की थी और अपने इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि सांसद निधि का कितना उपयोग हुआ, कितना काम हुआ, इसकी जानकारी विशिष्ट पोर्टल पर जाकर देख लें। देखिए किसका नाम है नंबर वन पर।

मिमी ने पोस्ट में लिखा कि पिछले पांच वर्षों से मैंने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की संसद सदस्य के रूप में आम लोगों के लिए काम किया है। मैंने जनता के टैक्स के पैसे का सही उपयोग कर विकास कार्य किया। मिमी ने इस पोस्ट में पार्टी सुप्रीमो ममता को भी धन्यवाद दिया।

मिमी द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, पांच वर्षों में बारुईपुर पश्चिम में 42,58,450 रुपये, उत्तर सोनारपुर में 3,96,20,646 रुपये और दक्षिण सोनारपुर में 5,09,46,037 रुपये विभिन्न विकास कार्यों पर खर्च किए गए हैं। इस आंकड़े के साथ, मिमी ने कहा कि कोविड के कारण, उस समय पैसा आना बंद हो गया था। उन्होंने एक प्रसिद्ध हिंदी गीत की एक पंक्ति को भी जोड़ा है कि-लोग बहुत कुछ कहेंगे, कहना उनका काम है।

मिमी ने गुरुवार को कहा था कि वह अब राजनीति से नहीं जुड़ना चाहतीं क्योंकि, उन्हें राजनीति की समझ नहीं है। मिमी ने राजनीति और सांसदी छोड़ने के कई कारण बताए। कहा कि मेरा मानना ​​है कि राजनीति मेरे लिए नहीं है क्योंकि, अगर आप राजनीति करते हैं तो लोगों को मेरे जैसे लोगों को गाली देने का लाइसेंस मिल जाता है। मैं कितने दिनों से लोकसभा में हूं, कुछ लोगों को सिरदर्द हो गया है।

अगर मैं एक महीना भी दिल्ली में रहूं तो लोग कहेंगे कि सांसद दिल्ली में रहती हैं, यहां काम नहीं करतीं। अगर मैं दोबारा यहां आऊंगी तो कहा जाएगा कि संसद में मेरी उपस्थिति कम है। मैं अपने काम का प्रचार नहीं कर सकी। मैं उपदेश नहीं दे रहू हूं। राजनीति छोड़ने का एक कारण ये भी है।

मैं जब भी संसद में गयी तो अपने संसदीय इलाके के बारे में बात की। केंद्र राज्य की बात नहीं सुनता, जिसके कारण लोग सोचते हैं कि सांसद काम नहीं करते।