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संपादकीय

जंगलराज या कानून का राज

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुशासन बाबू के नाम से जाना जाता है। बिहार की सियासत में ऐसा कहा जाता है कि बिहारी मानुष की सोशल इंजीनियरिंग में पारंगत नीतीश…

जरा देख के चलो

आजाद भारत में लोकशाही को सही तरीके से चलाने के लिए संविधान की रचना की गई। संविधान को भी लकीर का फकीर नहीं बनाया गया। उसमें समय-समय पर ईमानदारी से जरूरी बदलाव करने के…

नमन नीच के अति दुखदाई

गोस्वामी तुलसीदास ने जिस रामचरितमानस की रचना की है, उसमें कहानियों के अलावा कई जगह युगोपयोगी बातें भी सुझाई गई हैं। इस रचना को लेकर आजकल टीका-टिप्पणी करने वाले कई…

प्राणघाती सियासत

बंगाल में 2011 में जब वाममोर्चा की सरकार के सफाए के बाद ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनाई थी तो उनका नारा था- राज्य में परिवर्तन लाना है। तब सीएम ने ऐलान…

कुर्बानियों से मिली ये दौलत

आज भारत का स्वतंत्रता दिवस है, हमारा राष्ट्रीय पर्व। छिहत्तर साल गुजरे, अब सतहत्तरवें की बारी है। धीरे-धीरे लोकतंत्र मजबूत होता जा रहा है। आज भारत की सत्ता…

अविश्वास पर बहस

विश्वास पर अक्सर बहस की जरूरत नहीं हुआ करती। बहस की शुरुआत ही होती है अविश्वास से। देश की संसद इस बात की गवाह बनी कि कैसे तीन दिनों तक लगभग सारे विधायी कामकाज ठप…

बदलाव की जरूरत

एनडीए सरकार ने अपने शासन काल के नौवें साल में एक खास बदलाव का फैसला लिया है। बदलाव किया जा रहा है अंग्रेजी कानून में। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की इस मामले में साफ…

मैच जिताऊ तरकीब

एक बार किसी क्रिकेट में भारतीय टीम के पराजय के बारे में किसी पत्रकार ने तत्कालीन कप्तान से हारने की वजह के बारे में सवाल किया। बातचीत के क्रम में विश्व एकादश टीम गठन…

संविधान की जरूरत

दुनिया में जब से उपनिवेशवाद का सफाया हुआ है तब से इंसानी सोच में भी बदलाव आया है। बदलाव की हालत आज यह है कि तानाशाही या राजशाही का दौर भी समाप्त हो गया है और…