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संपादकीय

सेना में पाक जासूस

भारतीय सेना के बारे में दुनिया के ज्यादातर देशों की धारणा काफी सकारात्मक है। यही वजह है कि भारत के धुर विरोधी भी भारतीय जवानों का सम्मान करते हैं तथा किसी भी विदेशी…

कुछ और आजमाने का वक्त

2014 से लगातार आगे बढ़ रहा भाजपा के विजय रथ का पहिया अचानक लगता है कि थकान महसूस कर रहा है। इस थकान के कारण ही विंध्य पर्वत के उस पार स्थित राज्यों में भाजपा की हवा…

मूल्यों का अवमूल्यन

राजनीति भी अजीब विधा है। इसमें कौन-किसका कब दोस्त बन जाए और कब किसका दुश्मन, यह दावे के साथ नहीं कहा जा सकता। विडंबना तो तब होती है जब दिन के उजाले में दो दोस्त…

सेहत कैसे सुधरे

लोकतंत्र में सरकारों के जिम्मे कानून-व्यवस्था की बहाली के साथ ही नागरिकों के लिए जो खास काम सौंपे गए हैं उनमें शिक्षा और स्वास्थ्य का स्थान सबसे ऊपर है। कोई भी इंसान…

कौन करे कानून की सुरक्षा

अपराधी या अभियुक्त को सजा देने का काम अदालतें किया करती हैं। देश की आजादी के बाद से लगातार अदालतों ने कुछ ऐसे ऐतिहासिक फैसले दिए हैं जिनकी गाथा आज भी चाव से…

हैवानियत का नंगा नाच

आजकल देश की हालत देखकर पूछने को जी चाहता है कि किसकी नजर लग गई इस समाज को। जिधर देखो आधुनिकता के नाम पर जहर की फसल उगाई जा रही है। रिश्ते तार-तार हो रहे हैं,…

शिक्षा को खा गई सियासत

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता का इतिहास काफी समृद्ध रहा है। यहां देश के बड़े-बड़े मनीषी पैदा हो चुके हैं जिन्होंने भारत को नई दिशा दी। ब्रिटिश शासनकाल में तब के…

सोशल ही बने रहें तो बेहतर

सोशल मीडिया भी कमाल का है। खबर और सूचना के पार्थक्य की दीवार इतनी पतली कर दी गई है कि आम लोग यह समझ ही नहीं पा रहे कि किसे खबर कहें और किसे सूचना। कुछ ऐसे भी शरारती…

गई भैंस पानी में

किसी काम को पूरा करने की कोशिश की जाए और सारा प्रयास करने के बावजूद किसी अनहोनी के कारण या खुद की असावधानी से ही जब लक्ष्य तक नहीं पहुंचा जा सके तो आम तौर पर बोलचाल…