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संपादकीय

और कितना बँटेगा समाज

अंग्रेजी शासन से मुक्ति मिली,लगा कि आजादी मिल गई। लेकिन वह आजादी भी बँटकर ही मिली। विभाजन की वह तस्वीर भले आज सत्ता का सुख पा रहे लोग भुला दें लेकिन जिनका पूरा का…

महिलाओं का हक

लोकतंत्र में महिलाओं को आधी आबादी का नाम दिया जाता है तथा सारे विकसित देशों में महिलाओं की राजकाज में भागीदारी तय की जा चुकी है। भारत निश्चित रूप से इस मामले में…

अदालत की नसीहत

सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति के मसले पर एक बार केंद्र सरकार को चेताया है। दरअसल अंदर ही अंदर इस बात की चर्चा रही है कि कहीं न कहीं केंद्र सरकार की ओर से…

आधार भी निराधार

भारत सरकार ने जिस माध्यम को सबसे सहज समझकर देश के गरीब लोगों तक सरकारी सुविधाएं पहुंचाने का संकल्प लिया था, उस आधार कार्ड की क्षमता पर खुद कैग ने ही सवाल…

वोट के लिए नोट

फिर वही बात सामने आई है। लोकतंत्र की दुहाई देने वाले लोगों ने सार्वजनिक जीवन में शुचिता कायम रखने की शर्त पर देश को बहुत कुछ समझाया है लेकिन जब खुद के गिरेबान में…

हिन्दी की जंग

यह भी एक सुखद अचरज ही है कि जिस देश की आधी से ज्यादा आबादी हिन्दी भाषा जानती, बोलती, समझती है-उस देश में हिन्दी को अभी तक राष्ट्रभाषा बनने की जंग लड़नी पड़ रही है।…

अर्दोआन की चिंता

दुनिया में कुछ ऐसे भी मुल्क हैं जिन्हें दूसरे के सुख से पेट में मरोड़ की शिकायत होने लगती है। ऐसे ही कुछ चुनिंदा नेताओं में से एक हैं तुर्की या तुर्किए के राष्ट्रपति…

गंगा की रक्षा का सवाल

किसी भी सभ्यता के जीने की बुनियादी शर्तों में ऑक्सीजन के बाद पानी का ही स्थान आता है। दुनिया में ऐसे कई इलाके रहे हैं जहां कभी पानी का अकूत भंडार था लेकिन कालांतर…

नहले पर दहला

इसे कहते हैं जैसे को तैसा। भारत द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद जब कूटनीति की भाषा कनाडा की सरकार नहीं समझ सकी तो मजबूरन भारत को भी अपनी ओर से कदम उठाना पड़ा है। जिस…