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संपादकीय

इमारत की इबारत

इंसान जैसे-जैसे सभ्य होता गया, उसे रोटी के अलावा कपड़ा और मकान की भी जरूरत महसूस होने लगी। इन्हीं जरूरतों को पूरा करने में आज भी इंसान किसी न किसी तरह से संलग्न है।…

सवाल बहिष्कार का

भारत में बहिष्कार कोई नया नहीं है। देश की आजादी के समय भी तरह-तरह से अंग्रेजी हुकूमत के कामकाज का बहिष्कार हुआ करता था। आजादी मिलने के बाद भी कई बार बहिष्कार शब्द…

ये भूख की तिजारत

चुनावी साल के आते ही भारत सरकार ने दुनिया में भूख बाँटने का फैसला कर लिया है। हो सकता है कि कुछ लोगों को यह बात नागवार लगे लेकिन है बिल्कुल सही। दरअसल चुनाव आने से…

ये झूठ और गरीबी

भारत कहने को लगातार तरक्की कर रहा है। धरती की बात कौन करे, अब तो चांद पर भी तिरंगा फहरा दिया गया है। जी-20 की बैठक क्या हो गई, लगता है भारत दुनिया में एक खास मुकाम…

ये रेवड़ी की बंदरबाँट

अपने यहां एक पुरानी कहावत कही जाती है। अंधा बाँटे रेवड़ी, फिर-फिर खुद को देय। मतलब यही है कि स्वार्थ में अंधे लोगों को अगर किसी के साथ न्याय करने का जिम्मा दे दिया…

सनातन धर्म

शामत आ गई है। यह शामत भी सनातन धर्म पर आई है। दक्षिण के नेता तथा तमिलनाडु सरकार के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन का कहना है कि समाज में जितनी भी बुराइयां हैं, वे सारी…

हद में रहने की जरूरत

अंग्रेजी हुकूमत के जमाने से ही बंगाल का इतिहास शिक्षा के क्षेत्र में काफी उन्नत रहा क्योंकि अंग्रेजी शिक्षा की नींव यहीं पड़ी थी। जाहिर है कि तब कलकत्ता ही देश की…

एक देश, कई सवाल

सरकार को अचानक एक नई बात शायद सूझी है। आनन-फानन में घोषणा कर दी गई है कि संसद का विशेष सत्र आयोजित करना है। विशेष सत्र क्यों आयोजित किया जा रहा है, इस बारे में भी…

गद्दारी का अंजाम

राष्ट्र जीवन में इंसान से ज्यादा कीमती होता है मुल्क। और मुल्क भी अगर रूस जैसा हो तो फिर पूछना ही क्या। रूस का इतिहास रहा है कि कम्युनिस्टों के शासन में हजारों ऐसे…