मवेशी तस्करी मामला : अणुव्रत मंडल को 4 मई तक जेल हिरासत

बेटी को गिरफ्तार करना गलत : अणुव्रत

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कोलकाता / नई दिल्ली : बंगाल में मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता अणुव्रत मंडल को 4 मई तक जेल हिरासत का निर्देश दिया गया है।

अणुव्रत को सोमवार को दिल्ली स्थित राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। जहां से अदालत ने उन्हें 4 मई तक जेल हिरासत का आदेश दिया।

कोर्ट ने ईडी को उसी दिन चार्जशीट पेश करने का निर्देश दिया था। इस निर्देश से फिर से टीएमसी नेता को झटका लगा है। वह अब आसनसोल लौटना चाहते हैं। अणुव्रत अभी तिहाड़ जेल में बंद है।

सोमवार को कोर्ट में पेशी के दौरान अणुव्रत मंडल ने अपनी बेटी सुकन्या मंडल की गिरफ्तारी को लेकर कहा, बेटी को गिरफ्तार करना अनुचित है। यह बहुत साहसी कार्य नहीं था।

बंगाल के बीरभूम जिला टीएमसी के अध्यक्ष अणुव्रत मंडल को सोमवार को अदालत ले जाया गया। उसे तिहाड़ से कोर्ट लाया गया था। जब कोर्ट परिसर में बेटी सुकन्या की गिरफ्तारी के बारे में पूछा गया तो अणुव्रत ने सिर्फ इतना कहा, बेटी को गिरफ्तार करना गलत था।

अणुव्रत मंडल को राउज एवेन्यू कोर्ट व्हील चेयर पर पहुंचे। उसके बाद कोर्ट से निकलते हुए उन्होंने अपनी बेटी की गिरफ्तारी को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया। यह पहली बार है जब अणुव्रत मंडल ने अपनी बेटी की गिरफ्तारी पर खुलकर बात की है।

बता दें, मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार टीएमसी नेता अणुव्रत मंडल फिलहाल तिहाड़ जेल में कैद हैं। साथ ही उनकी बेटी सुकन्या मंडल भी मवेशी तस्करी मामले में फिलहाल तिहाड़ जेल में कैद है।

पिछले बुधवार सुकन्या से मवेशी तस्करी मामले में लंबी पूछताछ हुई थी। उसके बाद उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। सुकन्या के पिता अणुव्रत को लगभग 8 महीने पहले यानी पिछले साल 11 अगस्त को मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से उनकी बेटी सुकन्या पर ईडी की नजर थी।

ईडी ने दिल्ली की अदालत से अणुव्रत को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की अपील की थी। अपील मंजूर होने के बाद अणुव्रत को आसनसोल जेल से दिल्ली के लिए रवाना कर दिया गया था।

कुछ दिन ईडी की हिरासत में रहने के बाद अणुव्रत तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन्होंने अदालत से अपील की कि वह दिल्ली नहीं बल्कि बंगाल लौटना चाहते हैं। अर्जी पर सोमवार को सुनवाई हुई, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें फिर से तिहाड़ जाना पड़ा है।