चिटफंड मामले में ममता के खिलाफ जांच से बच रहा CBI

शुभेंदु ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विभिन्न मामलों की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की कार्यशैली को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट लगातार फटकार लगाता रहा है।

अब भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्रीय एजेंसी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया है।

उन्होंने कहा है कि सारधा समेत अन्य चिटफंड मामलों में ममता बनर्जी के खिलाफ जांच करने से केंद्रीय एजेंसी बच रही है। उन्होंने दावा किया है कि सीबीआई की ममता के खिलाफ जांच की अनिच्छा लोगों में गुस्सा पैदा कर रही है।

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अपने पांच पन्नों के पत्र में सोमवार को शुभेंदु ने आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी सारधा प्रमुख सुदीप्त सेन के साथ दार्जिलिंग के होटल में मिलीं और रुपयों के लेन-देन के बारे में वार्ता हुई।

ममता बनर्जी की पार्टी की ओर से राज्यसभा भेजे गए एक नेता (कुणाल घोष) इस मामले में गिरफ्तारी के बाद करीब 34 महीनों तक विभिन्न जेलों में बंद रहे। उन्होंने कई बार इस बात का दावा किया था कि ममता बनर्जी को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचा है और उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए।

यहां तक कि सारधा मीडिया समूह को मुख्यमंत्री राहत कोष से करीब सात करोड़ रुपये दिए गए, जिससे चिटफंड के खिलाफ जांच शुरू होने के बाद मीडिया संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी दी गई।

यहां तक कि जिन चिटफंड कंपनियों ने ममता बनर्जी की पेंटिंग खरीदी उसके एवज में उन्हें पूरे राज्य में आम लोगों से रुपये की वसूली की छूट दी गई।

उन्होंने तीन अखबारों का जिक्र किया है जो सारधा समूह से जुड़े हुए थे, उन्हें ममता सरकार ने राज्य की लाइब्रेरी में रखने का प्रस्ताव पारित किया था।

उल्लेखनीय है कि इसके पहले वरिष्ठ भाजपा नेता दिलीप घोष ने भी सीबीआई पर तृणमूल के साथ सांठ-गांठ का आरोप लगाया था।