टीएमसी विधायक जीवनकृष्ण साहा को 21 अप्रैल तक सीबीआई हिरासत

शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार

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कोलकाता : बंगाल शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक जीवनकृष्ण साहा को अलीपुर कोर्ट ने 4 दिनों की यानी 21 अप्रैल तक सीबीआई हिरासत का आदेश दिया है।

सीबीआई ने 65 घंटे तक पूछताछ के बाद जीवनकृष्ण को सोमवार की सुबह गिरफ्तार किया था। जीवनकृष्ण साहा के वकील ने कोर्ट से फरियाद की कि उनके मुक्किवल को जमानत दी जाए, जबकि सीबीआई ने 5 दिनों की हिरासत की अपील की थी।

सीबीआई की अपील के बाद कोर्ट ने जीवनकृष्ण को 4 दिनों की सीबीआई की हिरासत का आदेश दिया।

विधायक के वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल निर्दोष है। उन्हें फंसाया गया है। उनके 2 बच्चे हैं। उन्हें जमानत दी जाए। वह आवेदन कर रहे हैं कि उन्हें उनकी पत्नी से मिलने की अनुमति दें।

सीबीआई वकील ने कोर्ट से कहा कि विधायक जीवनकृष्ण एजेंट के रूप में काम करता था। अयोग्य लोगों से पैसे लेकर नौकरी देता था। करोड़ों रुपए की धांधली किया था। उसने मोबाइल फोन फेंक कर सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश की।

सीबीआई ने अदालत को बताया कि जीवनकृष्ण साहा ने मोबाइल फोन फेंक कर डिजिटल साक्ष्य को नष्ट करने की कोशिश की। अयोग्य लोगों को नौकरी देने के लिए ओएमआर शीट में हेराफेरी की है। उनके घर से इस अपराध से संबंधित 3000 से अधिक दस्तावेज एकत्र किए गए हैं।

बता दें, शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार के एजेंट कौशिक घोष से नजदीकी का आरोप लगाते हुए सीबीआई ने शुक्रवार को टीएमसी विधायक के घर पर छापा मारा था।

जीवनकृष्ण से सीबीआई के चार अधिकारियों ने उनसे 65 घंटे तक पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक कौशिक से पूछताछ के बाद जांच अधिकारियों को बड़ंचा विधायक का नाम मिला है।

उसके बाद टीएमसी विधायक के घर गई और पूछताछ शुरू की गई थी। टीएमसी विधायक ने अपने घर पर सीबीआई की तलाशी के दौरान अपने दो मोबाइल फोन तालाब में फेंक दिए थे।

शुक्रवार की शाम घर के पीछे स्थित तालाब में दो फोन फेंके गए। सीबीआई ने काफी तलाश के बाद दोनों मोबाइल तालाब से बाहर निकाला।

सूत्रों के मुताबिक लंबी पूछताछ के बाद टीएमसी विधायक टूट गए हैं। हालांकि, जीवनकृष्ण साहा के परिवार ने जांचकर्ताओं के साथ सहयोग करने का दावा किया है।

दूसरी ओर, सीएम ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि टीएमसी नेताओं और विधायकों को जानबूझ कर फंसाया जा रहा है।