प्राथमिक भर्ती मामले में सीबीआई ने फाइल की अतिरिक्त चार्जशीट

इस चार्जशीट में कौशिक माझी और पार्थ सेन के नाम हैं

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कोलकाता, सूत्रकार : इस बार प्राथमिक शिक्षक भर्ती मामले में सीबीआई ने अतिरिक्त आरोप पत्र दाखिल किया है। सीबीआई ने पहले भी एक आरोप पत्र दाखिल किया है। उसने शुक्रवार को अलीपुर सीजीएम कोर्ट में दूसरी चार्जशीट दाखिल की। इस चार्जशीट में कौशिक माझी और पार्थ सेन के नाम हैं।

सीबीआई की पहली चार्जशीट में तापस साहा, कुंतल घोष, नीलाद्रि घोष के नाम थे। अतिरिक्त आरोप पत्र में पार्थ और कौशिक के नाम हैं। कौशिक एस बसु रॉय फर्म में भागीदार हैं। यह संस्था ओएमआर शीट (उत्तर पुस्तिकाएं) तैयार करती थी। पार्थ उस कंपनी का कर्मचारी है। आरोप पत्र में आरोप लगाया गया है कि ये दोनों सीधे तौर पर भ्रष्टाचार में शामिल हैं। कथित तौर पर 700 अयोग्य इच्छुक उम्मीदवारों की एक सूची तैयार की गई थी। उस संस्था के साथ सूची का आदान-प्रदान किया गया था। उस सूची में 300 से अधिक अयोग्य नौकरी चाहने वालों को नौकरी मिल गई।

गौरतलब है कि सीबीआई ने एक साथ चार एसएससी मामलों में अतिरिक्त आरोप पत्र अलीपुर की सीबीआई की विशेष अदालत में 9 जनवरी को दाखिल किया था। सीबीआई ने बताया कि चारों भर्ती मामलों की जांच पूरी हो चुकी है। एक और मामले में राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की भूमिका सामने आई है। उसका जिक्र चार्जशीट में है।

हाईकोर्ट ने कहा था कि भर्ती भ्रष्टाचार मामले की जांच जनवरी में तय तारीख तक पूरी हो जानी चाहिए। उसी आदेश पर सोमवार को सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की। सीबीआई ने प्राथमिक-नौवीं-दसवीं, ग्यारहवीं-बारहवीं, ग्रुप-सी और ग्रुप-डी को छोड़कर सभी एसएससी मामलों में अलीपुर की विशेष सीबीआई अदालत में अतिरिक्त आरोप पत्र दाखिल किये। बताया गया है कि नौवीं-दसवीं में भर्ती मामले में भी पार्थ चटर्जी समेत सात लोगों के खिलाफ सीबीआई आरोप पत्र जल्द जमा देगी।

गौरतलब है कि यह भर्ती घोटाला 2014 का है, जब पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड ने प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) आयोजित की थी। साल 2021 में यह सामने आया कि कम टीईटी स्कोर वाले व्यक्तियों को शिक्षक पद दे दिए गए थे। इसी को लेकर आज साल भर धर्मतल्ला इलाके में अभ्यर्थी प्रर्दशन कर रहे हैं।

गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती घोटाले में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने 2020 की शुरुआत में पहली प्राथमिकी दर्ज की थी। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर इस भ्रष्टाचार की जांच शुरू कर दी गई है। 16 हजार 500 लोगों की भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। प्राथमिकी शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह प्राथमिकी धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में दर्ज की गई है।