कोलकाता/नयी दिल्ली, सूत्रकार : सीबीआई ने अपनी जांच को आगे बढ़ाने के लिए एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए लोकसभा सचिवालय से संपर्क किया है, जिसमें कैश-फॉर-क्वेरी के आरोप में तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी।
हालांकि, लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने कहा कि उन्हें अनुरोध पर अभी निर्णय लेना बाकी है। सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने सचिवालय को पत्र लिखकर एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट की एक प्रति मांगी है। हम इसकी जांच करेंगे। हमने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।
मोइत्रा के खिलाफ आरोपों पर लोकपाल द्वारा उसे भेजी गई शिकायत की जांच सीबीआई कर रही है। यदि लोकसभा सचिवालय मोइत्रा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17 ए के तहत मंजूरी देने वाली आचार समिति की रिपोर्ट सीबीआई को भेजता है, तो सीबीआई एफआईआर दर्ज कर सकती है और आपराधिक आचरण की जांच के साथ आगे बढ़ सकती है।
लोकसभा ने अपने शीतकालीन सत्र में आचार समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी थी, जिसमें “अनैतिक आचरण” और “गंभीर दुष्कर्म” के आधार पर मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी। समिति ने उनके “अत्यधिक आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक आचरण” को देखते हुए सरकार द्वारा समयबद्ध तरीके से “गहन, कानूनी, संस्थागत जांच” की भी सिफारिश की।
ये आरोप भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लगाए थे, जिन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर दावा किया था कि मोइत्रा ने हीरानंदानी व्यापार समूह के हितों की रक्षा के लिए रिश्वत ली है। उन्होंने केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक और पत्र लिखा और उनसे लोकसभा वेबसाइट पर मोइत्रा के लॉगिन क्रेडेंशियल के आईपी पते की जांच करने का आग्रह किया ताकि यह जांचा जा सके कि क्या इन्हें किसी और ने एक्सेस किया है।
विपक्षी दलों ने एथिक्स कमेटी के निष्कर्षों पर सवाल उठाया है और अपने असहमति नोट में कहा है कि पैनल ने अपनी जांच अनुचित जल्दबाजी और संपूर्णता की कमी के साथ की।