झारखंड में सुखाड़ का आकलन करने 9 जनवरी को रांची पहुंचेगी केंद्रीय टीम
विभिन्न जिलों का भ्रमण कर जमीनी हकीकत से होगी रूबरू
रांची: पूर्वी सिंहभूम और सिमडेगा को छोड़कर झारखंड के 22 जिलों के 226 प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित किए गए है। इसका आकलन करने केन्द्रीय टीम नी जनवरी की शाम 7.30 बजे रांची आ रही है।
13 जनवरी तक राज्य के सूखाग्रस्त क्षेत्रों का भ्रमण कर केन्द्रीय टीम जमीनी हकीकत से अवगत होगी। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से केन्द्रीय टीम के समक्ष सूखा राहत सहायता मद में 9000 करोड़ की मांग की जाएगी।
भारत सरकार के कृषि विभाग के संयुक्त सचिव डॉक्टर विजया लक्ष्मी के नेतृत्व में केंन्द्रीय टीम झारखंड में 13 जनवरी तक रहेगी। टीम में *डॉ मान सिंह, नीति आयोग के एससी मीणा,
एमएनसीएफसी के निदेशक करण चौधरी, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सलाहकार डी राजशेखर पशुपालन विभाग के निदेशक वी आर ठाकरे, ग्रामीण विकास के डिप्टी सेक्रेटरी यूके नैयर, जल संसाधन विभाग के निदेशक प्रमोद नारायण, डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर के निदेशक महेश कुमार, खादी एवं जन वितरण विभाग के सहायक निदेशक बृजमोहन सिंह शामिल रहेंगे।
इस संबंध में कृषि निदेशक निशा उरांव ने बताया कि केन्द्रीय टीम नौ जनवरी की शाम 7.30 बजे रांची पहुंचेगी। इसके बाद 10 जनवरी से झारखंड के विभिन्न जिलों का दौरा कर सूखा का आकलन करेगी। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से एक रिपोर्ट भी टीम को सौंपी जाएगी।
केन्द्रीय टीम की रिपोर्ट के आधार पर झारखंड को मांग के अनुरूप सूखा राहत योजना के तहत 9000 करोड़ की सहायता राशि मिल सकती है। सूखा राहत पारा मीटर पर उतरने पर झारखंड को तीन किस्तों में सहायता राशि मिल सकती है।
इस साल खरीफ मौसम के दौरान कम बारिश होने की वजह से राज्य में सूखा की स्थिति बनी हुई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पूर्वी सिंहभूम और सिमडेगा को छोड़कर राज्य के 22 जिलों के 226 प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने तत्काल 3500 रूपए प्रति किसान परिवार सहायता राशि राज्य की ओर से मुहैया कराना शुरू कर दिया है। अनुमान के मुताबिक करीब 30 लाख से अधिक 9 किसान परिवार सूखा से प्रभावित है, जिसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार 0 ने सहायता राशि मद में 1200 करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है।
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