104वीं जयंती पर सीताराम रूंगटा को चाईबासा ने किया नमन!

जयंती पर याद किए गए सीताराम रूंगटा

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चाईबासा :प्रसिद्ध उद्योगपति एवं प्रख्यात समाजसेवी स्वर्गीय सीताराम जी रुंगटा की 104 वीं जयंती पर चाईबासा ने उन्हें नमन किया। जगह जगह उनकी जयंती मनाई गई।लोगों ने शिक्षा ,स्वास्थ्य और समाजसेवा के क्षेत्र में किये गए उनके अविस्मरणीय कार्यों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया। कोल्हान में शिक्षा को बढ़ावा देने में उनका काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वही इस अवसर पर रूंगटा हाउस में सीता राम रूंगटा की जयंती मनाई गयी। यहां पर उनके पुत्र एवं समाजसेवी मुकुंद रुंगटा तथा रुंगटा ग्रुप के सैकड़ों कर्मचारियों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

सीताराम रूंगटा की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किये गये :

भारत स्काउट एंड गाइड के कार्यालय में भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यहाँ सुरेश सिंह ने कहा कि सीताराम रूंगटा अपने समय में लोगो के सुख दुख में हमेशा शामिल रहते थे। स्काउट एंड गाइड के लगातार 42 सालों तक कमिश्नर रहे। उनको दिल्ली में सिल्वर एलिफेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था। वे नगर पर्षद के चेयरमैन भी लम्बे समय तक रहे। उनके द्वारा घर घर में शिक्षा का दीप जलाने के लिए स्कूल और कॉलेज भी खोले गए। वह समय के पाबंद थे। उनका कहना था कि जो इंसान समय के साथ नहीं चलेगा, वह बहुत पीछे चला जाएगा । उन्होंने पश्चिम सिंहभूम जिले में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई महाविद्यालय व विद्यालयों में अपना अमूल्य योगदान दिया। उनकी सोच थी कि इस जिले के छात्र-छात्राएं अच्छी शिक्षा ग्रहण कर अच्छी जगह पहुंचे और चाईबासा का नाम रौशन करे। आज उनके बताए हुए मार्ग पर चलते हुए उसके दोनों बेटे नन्दलाल रूंगटा व मुकुट रूंगटा और पोते सिद्धार्थ रूंगटा भी सामाज के लोगों को किसी न किसी तरीके से सेवा कर रहे हैं तथा लाभ पहुंचा रहे हैं।

कांग्रेस भवन में कांग्रेसियों ने भी मनाई सीताराम रूंगटा की जयंती:

वही कांग्रेसियों ने भी कांग्रेस भवन में उनकी जयंती मनाई। कांग्रेस जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर दास ने कहा कि स्व. सीताराम रुंगटा एक बहुमुखी प्रतिभाशाली व्यक्तित्व थे। उन्होंने चाईबासा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कांग्रेस भवन का निर्माण कराया, जो आज भी एक ऐतिहासिक स्थल है। इसके अलावा, उन्होंने जिले में कई शिक्षण संस्थान और अन्य नागरिक सुविधाएं भी प्रदान की। प्रधानाध्यापक निर्मल चंद्र त्रिपाठी ने भी उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे न केवल एक सफल उद्योगपति थे बल्कि एक उदार समाज सेवी, शिक्षा प्रेमी भी थे। मांगीलाल रुंगटा प्लस टू स्कूल में भी प्राचार्य शिल्पा गुप्ता एवं विद्यार्थियों तथा शिक्षक शिक्षिकाओं ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया। मारवाड़ी सम्मेलन की और से गर्म कपड़ों का वितरण किया गया।

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