कोलकाता, सूत्रकार : पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एग्जामिनेशन (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा आयोजित माध्यमिक परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों के एक समूह के परिजनों ने बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने परीक्षा के शुरुआती समय को दो घंटे कम करने के फैसले पर रोक लगाने की मांग की।
न्यायमूर्ति विश्वजीत बसु की एकल पीठ ने कहा कि मामले में सुनवाई तभी संभव होगी, जब सभी हितधारकों को मामले में पक्षकार बनाया जाएगा। इस मामले की गुरुवार को सुनवाई होने की संभावना है।
माध्यमिक परीक्षाएं 2 फरवरी से होने वाली हैं। हाल में डब्ल्यूबीबीएसई ने एक अधिसूचना जारी कर परीक्षा शुरू होने का सुबह 11.45 से घटाकर सुबह 9.45 बजे कर दिया है।
इसके साथ ही, पश्चिम बंगाल काउंसिल ऑफ हायर सेकेंडरी एग्जामिनेशन (डब्ल्यूबीसीएचएसई) ने भी हायर सेकेंडरी परीक्षाओं के शुरुआती समय को पहले के समय 11.45 बजे से दो घंटे घटाकर 9.45 बजे कर दिया।
इस फैसले की पश्चिम बंगाल के दो प्रमुख शिक्षक संघों ऑल बंगाल टीचर्स एसोसिएशन (एबीटीए) और माध्यमिक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी समिति ने कड़ी आलोचना की। इन्होंने दावा किया है कि परीक्षा को दो घंटे पहले करने के फैसले से परीक्षार्थियों के साथ-साथ विभिन्न केंद्रों पर परीक्षा आयोजित करने की प्रक्रिया से जुड़े लोगों को भारी असुविधा होगी।
उन्होंने तर्क दिया कि परीक्षा केंद्रों पर जल्दी पहुंचना बेहद मुश्किल हो सकता है, खासकर उत्तरी बंगाल के कुछ दूरदराज के इलाकों के साथ-साथ दक्षिण बंगाल के बांकुरा, पुरुलिया, पश्चिमी मिदनापुर और झाड़ग्राम जिलों में फैले वन क्षेत्रों में।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने यह भी आशंका व्यक्त की कि परीक्षा केंद्रों पर देर से पहुंचने के कारण कुछ परीक्षार्थियों को एक साल का नुकसान भी हो सकता है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी परीक्षा के समय को आगे बढ़ाने के फैसले को एक उन्मादी कदम बताया है।