देवघर: छत्रपति शिवाजी महाराज के अवतरण दिवस पर देवघर में झारखंड कुरमी महासभा द्वारा रवि राउत पूर्व वार्ड पार्षद सह जोनल चेयरमैन नगर निगम देवघर के निजी कार्यालय परिसर में शिवाजी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण किया।
मौके पर झारखंड कुरमी महासभा के महासचिव सह आप के प्रदेश उपाध्यक्ष डा राजीव रंजन ने शिवाजी महाराज को कब और कैसे मिली थी ‘छत्रपति’ की उपाधि के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा कि एक कुशल शासक, सैन्य रणनीतिकार, एक वीर योद्धा, मुगलों का सामना करनेवाला और सभी धर्मों का सम्मान करने वाले शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को पुणे के पास स्थित शिवनेरी के दुर्ग में हुआ था। उनके पिता का नाम शाहजी और माता का नाम जीजाबाई था।
छत्रपति शिवाजी महाराज एक योद्धा और एक मराठा राजा थे, जिन्होंने मुगलों के खिलाफ कई जंग लड़ी थी. उनकी वीरता, रणनीति और नेतृत्व के चलते उन्हें ‘छत्रपति’ की उपाधि मिली थी।
उन्होंने बीजापुर और मुगलों के खिलाफ शिवाजी के युद्ध कौशल और रणनीति को सभी ने सलाम किया।
उनकी गुरिल्ला युद्ध कला दुश्मनों पर भारी पड़ती थी. चैथ और सरदेशमुखी पर आधरित राजस्व संग्रह प्रणाली की सहायता से उन्होंने एक मजबूत मराठा राज्य की नींव रखी।
मौके पर मधुपुर पटेल सेवा संघ के अध्यक्ष सह जिला महासभा उपाध्यक्ष कमल किशोर राय, देवघर से भूषण राउत, मुकेश राउत, कुंदन कुमार, राजीव कांत राउत सहित समाज के अन्य लोग भी उपस्थित थे.
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