मुख्यमंत्री बनर्जी का संदेशखाली मामले पर अब तक बड़ा बयान, कहा
संदेशखाली में अशांत के लिए आरएसएस जिम्मेवार
कोलकाता, सूत्रकारः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संदेशखली में अशांति के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि भाजपा का निशाना एक तृणमूल नेता हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार मामले में आरोपी पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य विधानसभा को बताया कि हम संदेशखाली स्थिति पर गौर कर रहे हैं, किसी भी गलत काम में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
ममता ने कहा कि संदेशखाली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बंकर हैं। वहां, पहले भी दंगे हो चुके हैं। विधानसभा में उन्होंने कहा कि संदेशखाली में बाहर से आकर बीजेपी के कार्यकर्ता मास्क पहनकर बयान दे रहे हैं और हंगामा करके चले जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य महिला आयोग को भेजा है और संदेशखाली के लिए एक पुलिस टीम का गठन किया है। 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ममता बनर्जी का यह बयान संदेशखाली पर मुख्यमंत्री से बयान की मांग को लेकर भाजपा विधायकों द्वारा विधानसभा से बहिर्गमन करने के कुछ घंटों बाद आया, जहां सत्तारूढ़ तृणमूल नेताओं द्वारा स्थानीय लोगों पर कथित अत्याचार को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ था। बुधवार को लगातार सातवें दिन संदेशखाली में विरोध प्रदर्शन जारी रहा, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं सड़कों पर उतर आईं और शाहजहां शेख और उनके अनुयायियों की गिरफ्तारी की मांग की।
ममता बनर्जी संदेशखाली घटना को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही हैं। भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा ने संदेशखाली में हुई हिंसा के खिलाफ तेलंगाना के अंबेडकर सर्कल में विरोध प्रदर्शन किया और सीएम पद से ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) की एक टीम ने गुरुवार को संकटग्रस्त संदेशखाली का दौरा किया। टीम का नेतृत्व पैनल के अध्यक्ष अरुण हलदर ने किया। उनके साथ राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य अंजू बाला भी थीं। दोनों ने पीड़ितों से मुलाकात की और उनसे बात की। भगवा पार्टी ने शाहजहां शेख के खिलाफ भी सीबीआई जांच की मांग की है, जो 5 जनवरी से फरार है, जब भीड़ ने कथित राशन घोटाले के सिलसिले में उसके आवास पर छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमला किया था।
केंद्र सरकार पर खड़े किए सवाल
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि दिनाजपुर में बीएसएफ की लापरवाही के कारण चार बच्चों की मौत हो गई, लेकिन केंद्र सरकार ने इसकी जांच के लिए अपनी कोई टीम नहीं भेजी। क्या केंद्र सरकार इस सवाल का जवाब देगी। उन्होंने आगे कहा कि बीएसएफ का काम सीमा की निगरानी करना है, बीजेपी कार्यकर्ताओं की तरह काम करना नहीं। यहां बीजेपी के कैंपों पर बीएसएफ तैनात है।
बंगाल सरकार ने बनाई जांच टीम
बता दें कि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए डीआईजी रैंक की महिला आईपीएस अधिकारी की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय टीम गठित की है। टीम ने संदेशखाली का दौरा कर पीड़ितों से बातचीत की है।
वहीं एक दिन पहले संदेशखाली मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि संदेशखाली की हिंदू महिलाएं मदद मांग रही हैं। टीएमसी नेता शाहजहां शेख कहां हैं। ममता और उनकी सरकार ने लोगों ने कभी उन गुंडों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। ईरानी ने दावा किया था कि महिलाओं के साथ हुए अत्याचार पर पुलिसकर्मी भी मूकदर्शक बने रहे।