कोलकाता: आखिरकार विदेश मंत्रालय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की स्पेन और दुबई यात्रा की इजाजत दे दी है। ममता गुरुवार और शुक्रवार को मुंबई में विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक के लिए मुंबई में हैं। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले बुधवार रात नवान्न को केंद्र सरकार से जरूरी मंजूरी मिल गई। यात्रा कार्यक्रम के मुताबिक मुख्यमंत्री 12 सितंबर को स्पेन के लिए रवाना हो सकती हैं। फिर 23 सितंबर को दुबई के रास्ते कोलकाता लौटने का कार्यक्रम है। इस दौरान सीएम स्पेन की राजधानी मैड्रिड और बार्सिलोना में भी जा सकती है जो बंगालियों के लिए ‘मेसी का शहर’ कहा जाता था। मैड्रिड के दो फुटबॉल क्लब, रियल मैड्रिड और एटलेटिको डी मैड्रिड, विश्व प्रसिद्ध हैं। नतीजतन, बंगाली फुटबॉल जगत भी ममता की स्पेन यात्रा में रुचि रखता है। वे स्पेन से दुबई जा सकती हैं। उन्हें दुबई से कोलकाता लौटना है।
सूत्रों की मानें तो विश्व व्यापार सम्मेलन से पहले विदेशी निवेश लाने के उद्देश्य से ममता विदेश यात्रा पर जा रही हैं। उनके साथ राज्य के उद्योगपतियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी जाएगा। मुख्यमंत्री इससे पहले सिंगापुर और लंदन की ऐसी यात्रा कर चुकी हैं लेकिन कभी केंद्र ने उनको शिकागो और चीन यात्रा की अनुमति नहीं दी थी जिसे तृणमूल ने राजनीतिक बदला बताया था। कई लोगों को इस बार भी यही डर था। हालांकि आखिरकार ममता को विदेश यात्रा की इजाजत मिल ही गई।
जब कोई मुख्यमंत्री बनकर विदेश जाता है तो संबंधित राज्य को विदेश मंत्रालय की इजाजत लेनी पड़ती है। विदेश मंत्रालय यह तय करता है कि दौरा उचित है या नहीं। हालांकि, यदि कोई मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रूप से विदेश जाना चाहता है, तो उसे विदेश मंत्रालय से अनुमति या मंजूरी की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि, उस स्थिति में कोई प्रोटोकॉल नहीं होता लेकिन अगर कोई मुख्यमंत्री के तौर पर विदेश की सरकारी या आधिकारिक यात्रा पर जाता है तो वह भारत के प्रतिनिधि के तौर पर जाता है। यात्रा के दौरान संबंधित देश के भारतीय दूतावास को सारी व्यवस्था करनी होती है। सुरक्षा का भी मुद्दा है, इसीलिए मुख्यमंत्री की आधिकारिक विदेश यात्राओं के लिए विदेश मंत्रालय की मंजूरी जरूरी होती है।