पेश हुआ मां-माटी-मानुष का बजट

विपक्ष के हंगामे से बिफरीं मुख्यमंत्री

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कोलकाता, सूत्रकार : राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने गुरुवार को सामाजिक कल्याण और रोजगार सृजन के लिए कई नीतियों के साथ 2024-25 का बजट पेश किया। उन्होंने राज्य पर वित्तीय नाकाबंदी लगाने का आरोप लगाया। इस दौरान वित्त मंत्री ने 3,66,166 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। जहां लक्ष्मी भंडार के लिए बड़ी घोषणा कीं, वहीं सरकारी कर्मचारियों के लिए फिर से 4 प्रतिशत डीए बढ़ाने की घोषणा की गई जो मई से लागू होगा।

महिलाओं को राहत

मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि ‘लक्ष्मी भंडार’ योजना के तहत मासिक वित्तीय सहायता में 500 की जगह 1000 और एससी और एसटी समुदाय के लिए बढ़ाकर 1,200 रुपये कर दी गई है, जबकि अन्य श्रेणियों के लिए इसे बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया गया है।

कर्मचारियों को दिया

मंत्री ने मई से राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त चार फीसदी महंगाई भत्ता (डीए) की भी घोषणा की। जो जनवरी में घोषित चार फीसदी डीए के अलावा है। भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी सरकार ने इस साल बजट में ‘जेंडर एंड चाइल्ड बजट स्टेटमेंट’ पेश किया है।

सिविक वोलंटियर्स को लाभ

इसके साथ ही उन्होंने सिविक वॉलंटियर्स के लिए अहम घोषणा की गई। सिविक वॉलंटियर्स का भत्ता 1000 रुपये बढ़ाया गया। इसके लिए राज्य सरकार 180 करोड़ रुपये आवंटित करेगी। साथ ही, राज्य पुलिस की 20 प्रतिशत नौकरियां अब नागरिक स्वयंसेवकों के लिए आरक्षित होंगी, जो अब तक 10 प्रतिशत थी।

मनरेगा योजना

इसके साथ बजट में राज्य सरकार ने श्रमिकों के 100 दिनों के काम के बकाए के लिए 3700 करोड़ रुपये आवंटित किये। राज्य ने नई कर्मश्री योजना में 50 दिनों के काम की भी घोषणा की।

गरीबी घटी

चंद्रिमा ने बजट पेश करते हुए कहा कि राज्य की गरीबी दर कम हो रही है। उन्होंने दावा किया कि तृणमूल सरकार के सत्ता में आने से कुछ साल पहले राज्य की 57.60 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे थी। तृणमूल सरकार आने के बाद 2 करोड़ से अधिक लोगों की आजीविका में सुधार हुआ है। गरीबी रेखा से नीचे के लोगों की संख्या घटकर 8.60 प्रतिशत हो गई है। इसके साथ युवाओं को 5 लाख नौकरियां, 10 लाख और वरिष्ठ लोगों को पेंशन, दुआरे सरकार से 9 करोड़ लोगों ने लाभ लिया है।

छात्रों पर नजर

उन्होंने इस बजट में छात्रों के लिए नये बजट की घोषणा की। चंद्रिमा ने कहा कि छात्रों को स्मार्टफोन तभी मिलेंगे जब वे माध्यमिक विद्यालय के बाद स्कूल में दाखिला लेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बंगाल में बेरोजगारी दर देश से 3 फीसदी कम है।