भारत के इस सड़क से भयभीत में चीन

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ब्यूरो रांची : केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में सीमा सड़क संगठन के कर्मयोगी वास्तविक नियंत्रण रेखा से महज तीन किलोमीटर दूर विश्व की सबसे ऊंची लिकारू-मिग ला-फुक्चे सड़क बना अपना ही विश्व रिकॉर्ड तोड़ेंगे। लद्दाख के उमलिंग ला में 19,024 फुट पर विश्व की सबसे ऊंची मोटरेबल सड़क बना चुके सीमा सड़क संगठन ने अब चीन के करीब 19,400 फुट ऊंची सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया है. यह सड़क उमलिंग ला पास से भी करीब 400 फीट उंची होगी। लद्दाख में 19,400 फुट उंचे मिग ला में बनने जा रही यह सड़क फुक्चे क्षेत्र से होकर गुजरेगी.

फुक्चे में वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब भारतीय वायुसेना के छोटे, बड़े विमान उतारने के लिए एडवांस लैंडिंग ग्राउंड है. ऐसे में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस सड़क के बनने से पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना के साथ भारतीय वायुसेना की ऑपरेशनल तैयारियों को तेजी देने में भी मदद मिलेगी.सीमा सड़क संगठन ने देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर यह अहम सड़क बनाने का काम शुरू किया था. लिकारू-मिग ला-फुक्चे सड़क बनने से किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना करने के लिए सेना व वायुसेना के भारी उपकरणों को वास्तविक नियंत्रण रेखा के बिलकुल पास ले जाने में आसानी होगी.

अलबत्ता यह प्रोजेक्ट शुरू करने वाली सीमा सड़क संगठन की रोड़ कंस्ट्रक्शन कंपनी ने यह जानकारी साझा नही की है कि इस महत्वपूर्ण सड़क को पूरा करने में कितना समय लगेगा. इस अहम प्रोजेक्ट के निमार्ण की चुनौतियों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह सड़क नेपाल में एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए एडवांस बेस कैंप टू से भी उंचाई पर बनेगी. देश की सीमा की सुरक्षा के लिए यह सड़क प्रोजेक्ट बहुत अहम है. गलवान से उपजे हालात में भारतीय सेना इस समय पूर्वी लद्दाख में चीन की चुनौतियों का सामना करने के लिए मजबूत हो रही है. ऐसे में सीमा सड़क संगठन के कर्मयोगियों को अत्याधिक ठंड व भारी बर्फबारी की चुनौतियों का सामना करना होगा. इस समय लद्दाख में सीमा से सटे इलाकों को पर्यटन के लिए खोलने की दिशा में काम हो रहा है. ऐसे में यह सड़क आने वाले समय में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी बन सकती है.

 

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