काठमांडू : चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए नेपाल सरकार पर लगातार दबाव देने का प्रयास हो रहा है। जब से सरकार ने सामाजिक सद्भाव का हवाला देते हुए टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाया है, चीन सक्रिय रूप से इसे वापस लेने के लिए ना सिर्फ चौतरफा पैरवी कर रहा है बल्कि कूटनीतिक संबंध बिगड़ने तक की चेतावनी भी दे रहा है। 13 नवम्बर 2023 को नेपाल की कैबिनेट ने पारिवारिक माहौल और सामाजिक सद्भाव बिगड़ने का कारण बताते हुए चीनी सोशल मीडिया एप टिकटॉक पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। उसके बाद से लगातार विभिन्न स्तर से सरकार पर इस प्रतिबन्ध को हटाने के लिए दबाव दिया जा रहा है। सबसे पहले 5 दिसंबर, 2023 को, दक्षिण एशिया के लिए टिकटॉक के सार्वजनिक नीति और सरकारी संबंधों के प्रमुख, फिरदौस मोट्टाकिन ने प्रधानमंत्री के आईटी विशेषज्ञ प्रकाश रायमाझी और संचार मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की। तब से, टिकटॉक के प्रतिनिधि प्रतिबंध को हटाने के प्रयास में विभिन्न नेपाली एजेंसियों के साथ लॉबिंग करने में लगे हुए हैं।
जनवरी के अंतिम सप्ताह में टिकटॉक के तरफ से पांच सदस्यों वाला एक प्रतिनिधिमंडल एक सप्ताह तक विभिन्न नेपाली एजेंसियों के साथ चर्चा में लगा रहा। हालांकि, उनके प्रयासों के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली। प्रतिबंध पर पुनर्विचार करने की टिकटॉक कंपनी बार-बार अपील कर रही है और आपत्तिजनक सामग्री को हटाकर सरकार की चिंताओं को दूर करने का लिखित आश्वासन भी दे रही है। टिकटॉक प्रतिनिधियों के अलावा काठमांडू स्थित चीनी दूतावास के अधिकारियों के तरफ से काठमांडू में इस संबंध में लगातार बैठकें करते हुए नेपाल सरकार पर दबाव बनाने का काम किया जा रहा है। पांच सदस्यीय टीम की वापसी के बाद, एक बार फिर दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पिछले हफ्ते ही नेपाल पहुंच कर प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ”प्रचंड” से मिलने का बहुत प्रयास किया लेकिन पीएम प्रचण्ड ने उन प्रतिनिधियों से मिलने से साफ इंकार कर दिया। हालांकि, उनकी मुलाकात संचार मंत्री से हुई लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ।
तमाम कोशिशों के बावजूद नेपाली सरकार अपने फैसले पर कायम है। सुप्रीम कोर्ट ने 21 नवंबर, 2023 को प्रतिबंध को चुनौती देने वाली 14 रिट याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस प्रतिबन्ध से कोई ”अपूरणीय क्षति” नहीं हुई है। टिकटॉक के तरफ से नेपाली नियमों का पालन करने की नेपाल में पंजीकरण करने की पेशकश भी की है, लेकिन सरकारी अधिकारी संशय में हैं। सूचना तथा संचार मंत्री रेखा शर्मा ने दोहराया कि टिकटॉक की सामग्री नेपाली समुदाय के मानकों का पालन नहीं करती है जिसके कारण हमारे पारिवारिक मूल्य मान्यताओं का ह्रास तो हो ही रहा था साथ ही सामाजिक सद्भाव पर इसका नकारात्मक असर भी पड़ रहा था। संचार मंत्री ने कहा कि नेपाल सरकार सामाजिक सद्भाव और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और इसमें किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। टिकटॉक पर प्रतिबंध से नेपाल और चीन के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया है। चीनी सरकार ने इस फैसले पर कड़ा असंतोष व्यक्त किया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने नेपाल सरकार के इस प्रतिबंध को ”चीन विरोधी” करार देते हुए इसमें भारत, अमेरिका सहित पश्चिमी देशों के बहकावे में आने की बात कही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यहां तक कहा है कि नेपाल के इस फैसले ने दोनों देशों के बीच रहे अच्छे कूटनीतिक रिश्तों के लिए ठीक नहीं है। यह चीन के लिए चिन्ता का विषय है। इधर नेपाल में चीन के राजदूत छन संग ने इस बाबत कई बार प्रधानमंत्री सहित गठबन्धन के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर प्रतिबन्ध हटाने के लिए दबाव बना रहे हैं।
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