चाईबासा : सिंहभूम संसदीय क्षेत्र की लोकसभा सीट को लेकर जेएमएम की बैठक में जो बयानबाजी की गई और सिंहभूम संसदीय लोकसभा की दावेदारी करना , गठबंधन धर्म के अनुकूल नहीं है. विदित हो कि झारखंड में जेएमएम कांग्रेस और राजद के साथ महागठबंधन के अंतर्गत सरकार चल रही है. और राज्य में बहुत ही अच्छे ढंग से कार्य कर रही है. ऐसे में स्थानीय स्तर पर जेएमएम के द्वारा सिंहभूम लोक सभा सीट को लेकर दावेदारी करना और हक जताना उचित प्रतीत नहीं होता, सीटों का बंटवारा महागठबंधन के हम सभी के अभिभावक शिबू सोरेन एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कांग्रेस पार्टी से पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे तय करते हैं. फिर स्थानीय स्तर पर लोकसभा टिकट को लेकर बात करना है हास्य पद है. विदित हो कि महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में यहां से कांग्रेस की सीट रही है. और महागठबंधन के निर्णय के अनुसार ही अगला प्रत्याशी भी तय होगा.
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उक्त बातें सांसद गीता कोड़ा ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही, साथ ही उन्होंने कहा कि उनके द्वारा क्षेत्र की जनता के प्रति किए गए कार्य किसी से छिपा हुआ नहीं है. चाहे कोविड-19 का समय हो या फिर कहीं कोई आपदा, जन समस्या को लेकर खासकर बिजली की समस्या हो या फिर सुदूर क्षेत्र में कोई बीमार हो, सरकार द्वारा प्रदत योजना जन जन तक पहुंचे, समाधान की दिशा में सदैव तत्पर रहने वाली सांसद गीता कोड़ा को अन्य किसी से प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है. शिक्षा सड़क पेयजल व्यवस्था पर प्राथमिकता से मेरे द्वारा कार्य कराया जा रहा है. बंद पड़े ट्रेनों का मामला हो या फिर मजदूर किसानों की बात संसद में प्रमुखता से उठाया है क्षेत्र की जनता की आवाज बन सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ी गई है. लोकतंत्र में जनता ही मालिक है और हमने हमेशा जनता को ही सर्वोपरि माना है. बाकी के लोग कांग्रेस पार्टी को असहाय समझने की गलती ना करें. कांग्रेस पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी है और हमारी जिम्मेवारी ज्यादा है. इसका तात्पर्य यह नहीं कि कोई हमें नीचा दिखाने का प्रयास करें, एक हाथ से ताली कभी नहीं बजती महागठबंधन धर्म का पालन होना चाहिए.