रांची : उद्योग निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन अब एक महत्वपूर्ण और ज्वलंत मुद्दा है और हम खाद्य सुरक्षा में कमी जैसी कई गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने राज्य में जलवायु और सतत गतिविधियों का समर्थन करने में कॉरपोरेट क्षेत्र को आगे आना चाहिए। जितेंद्र सिंह ने ये बातें होटल बीएनआर में जलवायु परिवर्तन पर आयोजित कार्यशाला में कही।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन उत्पादकता और गुणवत्ता दोनों के मामले में भारतीय कृषि को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है। यदि अनुकूलन और शमन गतिविधियों पर ध्यान नहीं दिया जाता है,
तो वर्तमान कृषि क्षेत्र अपनी उत्पादन क्षमता खो सकते हैं। मौके पर मनरेगा आयुक्त झारखंड राजेश्वरी बी ने कहा कि झारखंड में इस मंच का शुभारंभ एक ऐतिहासिक होगा
और हमारे प्राकृतिक संसाधनों की बर्बादी को कम करने के सर्वोत्तम तरीकों को खोजने के लिए आदिवासी समुदायों से सीखने के लिए कई सबक हैं।
इस अवसर पर झारखंड में जलवायु अनुकूल कृषि की क्षमता को उजागर करने के लिए टीआरआईएफ-इंटेलकैप क्लाइमेट एक्शन प्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया गया।
कार्यशाला में ये बातें आयीं
होटल बीएनआर में आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने अपनी बातें रखीं। वक्ताओं ने कहा कि झारखंड राज्य भी जलवायु संकट से बुरी तरह प्रभावित है ।
कई अध्ययनों ने राज्य की उच्च जलवायु संवेदनशीलता के कारण जलवायु परिवर्तन के संबंध में झारखंड राज्य की अनिश्चित स्थिति को उजागर किया है ।
कम अनुकूलन क्षमता, सीमित संसाधन उपलब्धता और जलवायु संबंधी जोखिमों के महत्वपूर्ण जोखिम के कारण राज्य में छोटे किसान जलवायु परिवर्तन की अनिश्चितताओं से सबसे अधिक असुरक्षित और अत्यधिक प्रभावित हैं।
फसलों की उत्पादकता प्रभावित हो रही: शशि रंजन
इस अवसर पर उपायुक्त खूंटी शशि रंजन ने छोटे किसानों के लिए जलवायु अनुकूल कृषि और समाधान के विभिन्न पायलट परियोजनाओं के बारे में बात की। उन्होंने कहा की जलवायु परिवर्तन अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से फसलों की उत्पादकता को प्रभावित कर रहा है।