खतियानी जोहार यात्रा को लेकर गुमला पहुंचे मुख्यमंत्री का विपक्ष पर हमला
छात्राओं से हेमंत सोरेन ने कहा, खूब मन लगाकर पढ़ें, सरकार पूरा सहयोग करेगी
रांची : खतियानी जोहार यात्रा को लेकर गुमला पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्व की सरकारों पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा है कि पांच, 10, 15, 20 साल से लोग अपने अधिकारों के लिए ब्लॉक ऑफिस का चक्कर लगाते-लगाते थक जाते थे। हमने इस व्यवस्था को बदला। पूर्व की सरकार 1985 लेकर आयी थी,
ओबीसी आरक्षण को इन्होंने 14 प्रतिशत करने का काम किया था। हमने 1932 खतियान विधेयक और ओबीसी 27 प्रतिशत आरक्षण विधेयक विधानसभा से पारित कराया।
इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। हमनें पहली बार लोगों के दरवाजे तक शासन-प्रशासन को भेजा। युवाओं की पढ़ाई की व्यवस्था की। वर्षों से हक-अधिकारों से वंचित रहने को मजबूर लोगों को योजनाओं से जोड़कर उन्हें सम्मान दिया। यही सब देख झारखंड विरोधी विपक्ष परेशान है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जब सभा में बने मंच पर बैठे थे, तब उनकी नजर मंच के नीचे अन्य कलाकारों से साथ बैठे पद्मश्री से सम्मानित मधु मंसूरी हंसमुख पर पड़ी।
सीएम तत्काल ही खुद मंच से नीचे उतरे और मधु मंसूरी को ऊपर मंच पर साथ ले जाकर बैठाया। यह घटना चर्चा का केंद्र बिंदु बनी। झारखंड आंदोलन की मजबूत व मधुर आवाज पद्मश्री मधुम मंसूरी के लिए खुद स्टेज से उतर कर बुलाने जाने की घटना को लेकर सभा में उपस्थित लोगों ने सराहना की।
इससे पहले मुख्यमंत्री जिले में स्थित सेंट पैट्रिक महागिरजा परिसर पहुंच स्कूली छात्राओं से मुलाकात भी की। मुलाकात के दौरान सीएम ने कहा, कि वे खूब मन लगाकर पढ़ाई करें,
सरकार पूरा सहयोग करेगी। मौके पर सेंट अंजेला छात्रावास की छात्राओं ने पारंपरिक रीति- रिवाज से मुख्यमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज झारखंड में वंचित समाज के युवा जज, वकील, आईएएस, आईपीएस,
आदि बनना चाहते हैं, मगर गरीबी बाधक बन जाती है। सरकार ने इनके लिए योजनाएं बनाई है। सरकार बच्चों के साथ स्कूल से लेकर कॉलेज तक साथ खड़ी है, चाहे उसकी कीमत जो भी हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार स्कूली बच्चों के बेहतर शिक्षा के लिए सभी समुचित कदम उठा रही है। बच्चे अगर मेडिकल, इंजीनियरिंग, लॉ जैसे क्षेत्रों में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो सरकार मदद करेगी।
यूपीएससी, जेपीएससी, बैंकिंग, रेलवे, एसएससी, जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को आर्थिक सहायता देने की योजना सरकार ने शुरू की है। छात्रवृत्ति की राशि में भी इजाफा किया गया है,
ताकि आदिवासी, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चे पढ़ाई से अलग-थलग नहीं हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी, दलितों और अल्पसंख्यकों को अब विदेशों में उच्च शिक्षा ग्रहण करने में आर्थिक तंगी आड़े नहीं आएगी। सरकार विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए पूरा खर्च आपको प्रदान करेगी।
केवल जरूरत है कि बच्चे सरकार की योजनाओं से जुड़े। इस मौके पर श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, विधायक भूषण तिर्की और जीगा सुसारण होरो मौजूद थे।