चाय श्रमिकों पर मेहरबान हुईं सीएम

दिया जमीनों का पट्टा, मासिक भत्ता, घर बनाने का पैसा

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कोलकाता, सूत्रकार : लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर बंगाल में सीएम ममता बनर्जी ने मास्टरस्ट्रोक खेला है। रविवार को उनकी ‘ममता’ चाय श्रमिकों पर जमकर बरसी। उन्होंने चाय बागान श्रमिकों को जमीन का पट्टा सौंपा । उन्होंने यह भी कहा कि राज्य न केवल जमीन के लिए बल्कि जमीन पर घर बनाने के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। यहां तक ​​कि मुख्यमंत्री ने बंद पड़े चाय बागानों के श्रमिकों के लिए भी बड़ी घोषणा की।

वे अलीपुरद्वार में सरकारी सेवा वितरण समारोह नामक कार्यक्रम में शामिल हुई थीं। वहीं, 4 हजार 642 चाय श्रमिकों को जमीन का पट्टा सौंपी। इसके साथ ही आवास निर्माण के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 हजार चाय श्रमिकों को जमीन का पट्टा और वित्तीय सहायता दी जायेगी। उन्होंने इसके बाद बंद हुए चाय बागानों के श्रमिकों के लिए भी बड़ा ऐलान किया।

भत्ते की घोषणा

डुआर्स में कई चाय बागान बंद हैं। इसके कारण कई लोगों की नौकरियां चली गईं। उनके साथ ममता खड़ी दिखीं। ममता ने उन्हें हर महीने डेढ़ हजार रुपये भत्ता देने की बात कही। उन्होंने मुफ्त बिजली सेवा उपलब्ध कराने की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम बीजेपी की तरह नहीं हैं। अपनी बात पर कायम रहते हैं।

कई परियोजनाएं

इसके साथ ही सीएम ने कहा कि 12 दिसंबर तक खरीफ की खेती का रुपया किसानों के खाते में आ जायेगा। अलीपुरद्वार में सरकारी सेवा वितरण समारोह में ममता ने बच्चों को पौधे सौंपे,  जबकि 27 परियोजनाओं का उद्घाटन और 77 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर 31 परियोजनाओं के तहत 39 लोगों को सेवा प्रदान की गई। उन्होंने चाय श्रमिकों को पट्टा भी वितरित किया। इस दौरान मंच पर उदयन गुहा, बुलु चिक बराइक और अन्य नेता उपस्थित थे।

नए जिले की घोषणा

उन्होंने कहा कि हम अलीपुरद्वार को नया जिला बना रहे हैं। चाय बागान पट्टा और पर्यटन उद्योग कर रहे हैं। हम सभी शरणार्थी कॉलोनी के पट्टे दे रहे है। हम अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास कर रहे है। आज भी करीब 93 करोड़ 32 लाख की 70 परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है।

बकाए की वजह से लाभार्थी वंचित: मुख्यमंत्री

पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र के बीच योजनाओं से संबंधित बकाए के निपटारे को लेकर हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। टीएमसी का आरोप है कि भाजपा शासित केंद्र सरकार जानबूझकर केंद्रीय योजनाओं का बकाया पश्चिमबंगाल के लिए रोक रही है। वहीं केंद्र सरकार ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि राज्य में केंद्रीय योजनाओं के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है। इसी विवाद के बीच, बीते शनिवार को ममता बनर्जी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मैंने पत्र लिखकर पीएम मोदी से मिलने का समय मांगा है।

वहीं, रविवार को अलीपुरद्वार में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की वजह से कई लोगों सामाजिक कल्याण योजनाओं से वंचित रह गए हैं। अगर केंद्र समय पर राज्य को बकाया चुका देता तो हम ज्यादा लोगों को सामाजिक कल्याण योजनाओं से जोड़ पाते, लेकिन ऐसा हो न सका।

सभा में ममता बनर्जी ने कहा कि हमारी सरकार चाय बागान श्रमिकों, आदिवासियों और मजदूरों सहित समाज के सभी वर्गों के साथ खड़ी है। मैं हमेशा अपना वादा निभाती हूं। दुख यह है कि केंद्र ने समय पर हमे बकाया नहीं दिया।