182 गंगासागर तीर्थ यात्रियों की जान कोस्ट गार्ड ने बचाई

काकद्वीप के पास एक नौका फंस गई थी

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कोलकाता, सूत्रकार : गंगासागर मेले में हिस्सा लेने आए तीर्थयात्री, जो नामखाना (काकद्वीप) के पास फंस गए थे, उन्हें बचाने के लिए भारतीय तटरक्षक बल ने एक त्वरित और सराहनीय बचाव अभियान चलाया। नामखाना, काकद्वीप के पास एक नौका पर फंसे लगभग 182 तीर्थयात्रियों को बचाने के लिए हल्दिया से होवरक्राफ्ट भेजा गया था। यह घटना तब घटी, जब तीर्थयात्री मकर संक्रांति पर पवित्र स्नान के बाद गंगा सागर से लौट रहे थे, और बेहद कम दृश्यता के कारण नौका फंस गई थी।

जानकारी के मुताबिक तीर्थयात्रियों से भरी नौका खराब विजिबिलिटी के चलते एक अनिश्चित स्थिति में फंस गई थी। इसकी जानकारी तुरंत भारतीय तटरक्षक बल को दी गई। भारतीय तटरक्षक बल ने मौके की नजाकत को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की। वे अपने अत्याधुनिक होवरक्राफ्ट के साथ तेजी से घटनास्थल पर पहुंचे और अपने तकनीकी कौशल से 182 तीर्थयात्रियों को बचा लिया।

भारतीय तटरक्षक बल के सूत्रों ने कहा कि यह घटना प्रतिकूल मौसम की स्थिति के दौरान समुद्री परिवहन के सामने आने वाली चुनौतियों को रेखांकित करती है। ऐसी चुनौतियों को तेजी से और प्रभावी ढंग से निपटने में भारतीय तटरक्षक की क्षमता उनके कठोर प्रशिक्षण, आधुनिक उपकरणों और नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। दक्षता और वीरता से भरपूर यह बचाव अभियान नागरिकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए भारतीय तटरक्षक बल की अटूट प्रतिबद्धता को दिखाता है।

गौरतलब है कि मकर संक्रांति पर गंगासागर मेले के लिए 14,000 पुलिसकर्मी तैनात किये गये थे, साथ ही 45 निगरानी टावर बनाए गए थे। मेला परिसर और रास्तों में 1,100 से अधिक सीसीटीवी लगाए गए थे। तीर्थयात्रियों को नौकाओं आदि के माध्यम से सागर द्वीप तक पहुंचाया गया था जबकि मुरीगंगा नदी पर 300 ‘फॉग लाइट’ लगाई गई थीं। 22 ड्रोनों की मदद से भी निगरानी की गई थी।

काकद्वीप पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले का एक शहर है, जो गंगा डेल्टा में स्थित है। बता दें कि गंगासागर एक हिंदू तीर्थस्थल है जहां हर साल मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर हजारों की संख्या में लोग आते हैं। यहां एक मेला भी आयोजित किया जाता है और इसे ‘पूर्वी भारत का सबसे बड़ा तीर्थ मेला’ माना जाता है।