” Kerala Story” को लेकर का कांग्रेस व कम्यूनिस्ट पार्टी ने दिया बड़ा बयान, कहा राज्य की खराब छवि दर्शाने का किया जा रहा है प्रयास

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कोलकाता/दिल्ली : इन दिनों चर्चा चल रही फिल्म “द केरला स्टोरी” 5 मई को रिलीज होने जा रही है। इसके लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को सरकार से आग्रह किया कि वह फिल्म के लिए स्क्रीनिंग की अनुमति न दें जो झूठ पर आधारित है और मुस्लिम समुदाय की खराब छवि दिखाने का प्रयास कर रही है। केरल के विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कहा कि फिल्म नफरत और धार्मिक दुश्मनी के बीज बोने के एक शातिर एजेंडे का हिस्सा है लेकिन केरल के लोग ऐसी ताकतों को हराने के लिए एकजुट होंगे। इस दौरान सत्तारूढ़ माकपा की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) ने भी फिल्म की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि संघ परिवार राज्य और पूरे समुदाय को अपमानित करने के लिए एक लोकप्रिय माध्यम का उपयोग कर रहा है। दो महीने पहले इसके ट्रेलर रिलीज किए गए थे और उन्होंने राज्य में विरोध शुरू कर दिया था। यह फिल्म सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित और विपुल शाह द्वारा निर्मित है। इसे 2016 में उत्तरी केरल के 21 लोगों के लापता होने की पृष्ठभूमि में लिया गया है, जो कथित तौर पर सीरिया और अफगानिस्तान के इस्लामिक स्टेट के कब्जे वाले क्षेत्रों में शामिल हो गए थे। फिल्म झूठ का पुलिंदा है। इसमें कहा गया है कि 32,000 महिलाओं का धर्मांतरण किया गया और उन्हें इस्लामिक स्टेट के कब्जे वाले इलाकों में भेजा गया जिसे बाद में हटा दिया गया है। इसके ट्रेलर से ही फिल्म के कंटेंट के बारे में पता लगाया जा सकता है।

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डीवाईएफआई ने कहा कि फिल्म का उद्देश्य राज्य की छवि खराब कर रहा है। संघ परिवार राज्य को धार्मिक कट्टरपंथियों और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों का गढ़ के रूप में दिखाना चाहता है। यह सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की उसकी चाल का हिस्सा है लेकिन केरल जैसे राज्य में यह काम नहीं करेगा। राज्य धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक मूल्यों के पालने के रूप में खड़ा रहेगा। इससे पहले कांग्रेस की सहयोगी मुस्लिम लीग ने फिल्म के खिलाफ आंदोलन की धमकी देते हुए कहा था कि इसने पूरे समुदाय को राक्षस के रूप में दर्शाया है।