रांची : विवादों में रहने वाले कांग्रेस के जामताड़ा विधायक इरफ़ान अंसारी ने बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को लेकर ऐसा बयान दिया है जिसपर विवाद हो सकता है.उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के एक बाबा से लोग पहले से ही परेशान हैं. अब ये दूसरा बाबा कहां से आ गया? उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे लोकसभा का चुनाव आयेगा. ऐसे ढेर सारे बाबा खड़े हो जायेंगे और एक पार्टी का प्रचार करेंगे. विधायक इरफ़ान ने कहा कि भारत सभी धर्मों का एक समूह है. यहां सभी धर्मों की आस्था है. ऐसे में बाबा को हलकी बातें करने से बचना चाहिए. उन्होंने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को नसीहत दी कि एक अच्छा बाबा होने के नाते वह अपने मंच से अल्लाह हू अकबर का नारा लगायें. ताकि जनता में एक बेहतर सन्देश जाये. उन्होंने कहा कि मैं हर जगह बजरंग बली का नारा लगाता हूं. बाबा एक खास पार्टी के प्रचार के लिए बिहार आये हैं. यह अच्छी बात नहीं है. मैं कई जगह मंदिर बनवा देता हूं. मैं किसी एक धर्म का नहीं हूं. सभी के लिए सम्मान और एक जैसा व्यवहार रखता हूं. भारत में बाबा साहेब आंबेडकर का संविधान चलता है. अगर बागेश्वर बाबा ओरिजिनल में बाबा हैं. तो आपसी भाईचारे की बात बोलें सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए.
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कहा बाबा को मध्य प्रदेश के लिए रवाना करें नीतीश कुमार
भारत में हजारों धर्म है, हजारों भाषाएं हैं. लोकसभा चुनाव आने तक काफी बाबा आएंगे. तरह-तरह की बातें बोलेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार में बाबा बोल लेते हैं. लेकिन यदि झारखंड मे बोलेंगे तो यहां के दलित और आदिवासी उन्हें छोड़ेंगे नहीं. इरफ़ान अंसारी यहीं नहीं रुके. उन्होंने बिहार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बाबा को मध्य प्रदेश भेजने की नसीहत दे डाली उन्होंने भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात को लेकर कहा कि बिहार में बाबा कहते हैं कि भारत में रहना है तो बोलना होगा. अंसारी ने कहा कि देश संविधान से चलता है ना कि बाबा के बोलने से उन्होंने कहा कि यदि आप बाबा हैं तो लोगों के बीच अच्छे प्रवचन दीजिये. लोगों के बीच आपसी मतभेद पैदा मत कीजिये. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राय देते हुए कहा कि बाबा से आशीर्वाद लीजिये और दान दक्षिणा देकर उन्हें एमपी विदा कर दीजिये. उन्होंने यह भी कहा कि बाबा झारखंड नहीं आएं और यदि आएं तो लोगों को अच्छे प्रवचन दें अगर बाबा झारखंड आते हैं तो यहां आपसी सद्भावना की बात बोलें. मुसलमान होकर हम बजरंग बली का नारा लगा सकते हैं. तो धीरेंद्र शास्त्री मंच से अल्लाह-हू- अकबर और या अली का नारा क्यों नहीं लगा सकते हैं?