ममता के बयान के बाद माकपा के साथ समझौता करने की तैयारी में कांग्रेस

टीएमसी की बैठक के बाद बढ़ी हलचल

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कोलकाता, सूत्रकार : मुर्शिदाबाद जिले के तृणमूल नेताओं के साथ शुक्रवार को बैठक में मुख्यमंत्री व पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कांग्रेस को लेकर ‘सख्त रवैया’ दिखाया। तृणमूल सूत्रों के मुताबिक, ममता ने मुर्शिदाबाद के अपने नेताओं से कहा कि अधीर चौधरी कोई ‘फैक्टर’ नहीं हैं। उस पर ध्यान न दें और चुनावों को देखें।

 

अधीर रंजन चौधरी पर दिया बयान

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को लेकर ममता के इस रवैये को कांग्रेस राज्य नेतृत्व ‘टूल’ की तरह इस्तेमाल करना चाहता है। बंगाल में कांग्रेस को लेकर ममता का ‘रवैया’ क्या है, यह कांग्रेस हाईकमान को बताने की तैयारी की जा रही है। कई प्रांतीय नेताओं का मानना है कि यह लोकसभा चुनाव के लिए वाम दलों के साथ चर्चा शुरू करने का अवसर है, लेकिन सब कुछ आलाकमान की हरी झंडी पर निर्भर करता है।

 

टीएमसी से गठबंधन करना कांग्रेस के लिए आत्मघाती

सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस के कुछ नेता विभिन्न मीडिया में छपे ममता के कांग्रेस और अधीर के बयानों को हाईकमान तक पहुंचा रहे हैं। पिछले दिनों एआइसीसी की ओर से बंगाल के पर्यवेक्षक जीए मीर ने प्रदेश के नेताओं से मुलाकात की थी।

उनसे बंगाल के नेताओं ने कहा कि अगर कांग्रेस ने तृणमूल के साथ गठबंधन किया, तो यह उसके लिए ‘आत्मघाती’ फैसला होगा, लेकिन इसके बाद भी आलाकमान की ओर से कोई स्पष्ट संदेश नहीं आया है। इस सिलसिले में शुक्रवार को पार्टी की आंतरिक बैठक में ममता ने अकेले चुनाव लड़ने का संदेश दिया है।

 

42 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी तृणमुल

सूत्रों के मुताबिक, तृणमूल नेता ने कहा कि तृणमूल सभी 42 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। वह तैयारी रखनी चाहिए। हालांकि, कई लोगों का मानना है कि सीट समझौते को लेकर ममता कांग्रेस पर थोड़ा अतिरिक्त ‘दबाव’ बनाने की कोशिश कर रही हैं। तृणमूल नेता ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं कि समझौता होने पर कांग्रेस को ज्यादा सीटें न छोड़नी पड़े, लेकिन ये भी सच है कि 2011 के बाद से ममता ने सारी सफलता अपने दम पर हासिल की है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने दिया जवाब

शनिवार को प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ताओं में से एक सौम्या आइच राय ने कहा कि मैंने ममता बनर्जी को यह कहते हुए सुना कि अधीर चौधरी कोई फैक्टर नहीं हैं। हमने पहले भी कहा है, हम अब भी कह रहे हैं, उन्हें (ममता को) बहरमपुर में जाकर चुनाव लड़ना चाहिए। बंगाल की धरती पर हमारी लड़ाई भाजपा और तृणमूल दोनों के खिलाफ है। यह हम पहले भी कह चुके हैं कि वह परोक्ष रूप से भाजपा की मदद करना चाहते हैं।