बंगाल में 12 सीटों पर लड़ेगी कांग्रेस, लेफ्ट राजी

लेकिन बड़ा सवाल कि क्यों नहीं हो रहा कैंडिडेट का ऐलान

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कोलकाता, सूत्रकार : कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल के लिए अपने 10 कैंडिडेट के नाम फाइनल कर लिए हैं, मगर इसका औपचारिक ऐलान नहीं किया है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की बैठक में उम्मीदवारों के नाम तय किए गए।

लोकसभा में नेता विपक्ष रहे अधीर रंजन चौधरी फिर बेहरमपुर से चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस नामों की घोषणा से पहले लेफ्ट फ्रंट के फैसले का इंतजार कर रही है। सूत्रों के अनुसार, लेफ्ट फ्रंट ने कांग्रेकस को 10 सीटें ऑफर की हैं, मगर कांग्रेस को 12 सीटों की उम्मीद है। लेफ्ट फ्रंट में शामिल सीपीएम कांग्रेस को 12 सीट देने के लिए राजी है, मगर पेच सीटों पर फंसा है।

दरअसल गठबंधन में शामिल ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक समेत अन्य दलों ने कांग्रेस की दावेदारी सीटों पर दावा ठोक दिया है।

पुरुलिया, मुर्शिदाबाद, आसनसोल, बशीरहाट, कूचबिहार और बारासात में अभी दोनों पक्ष उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहे हैं। सीपीआई (एम) पहले ही 16 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है।

इंडिया ब्लॉक में फूट के बाद पश्चिम बंगाल में कांग्रेस अपने पुराने गठबंधन के साथ चुनाव में उतर रही है। सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं होने के कारण उम्मीदवारों के नामों का ऐलान नहीं किया गया है। पहले कांग्रेस और वामपंथी पार्टियां इंडिया गठबंधन का हिस्सा थीं। चुनाव की घोषणा से पहले सीट शेयरिंग के मसले पर इंडिया ब्लॉक में समझौता टूट गया।

तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की सभी 42 सीटों पर उम्मीदवार खड़े कर दिए। बीजेपी ने बंगाल की लोकसभा सीटों के लिए 19 कैंडिडेट का ऐलान कर दिया।

अब कांग्रेस और वाम दलों को अपने प्रत्याशी की घोषणा करनी है। एआईसीसी ने कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में लगभग 8-10 लोकसभा उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर लिए हैं। सीटों का चयन वाम दलों से बातचीत के बाद ही किया गया है, मगर कांग्रेस गठबंधन में दो और सीटों की उम्मीद कर रही है। वाम दल भी कांग्रेस की मांग पूरी करने के लिए तैयार हैं, मगर पेच सीटों को लेकर फंस गया है। लेफ्ट फ्रंट के संयोजक बिमान बसु ने कहा कि अगर कांग्रेस सीट को एडजस्ट चाहती है, तो हम मना नहीं करेंगे।

पुरुलिया, मुर्शिदाबाद व आसनसोल पर अटका मामला

गठबंधन में शामिल आईएसएफ को छह सीटें दी गई हैं, मगर पार्टी के नेता नौशाद सिद्दिकी डायमंड हार्बर सीट की डिमांड कर रहे हैं। ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक पुरुलिया सीट मांग रही है, जबकि इस पर कांग्रेस की दावेदारी है। फारवर्ड ब्लॉक का कहना है कि 1977 से 2014 तक पार्टी पुरुलिया सीट पर जीतती रही है, इसलिए इस सीट पर उसका हक है।

पार्टी पुरुलिया से अपने नेता नेपाल महतो को कैंडिडेट बनाना चाहती है। 2014 में टीएमसी ने पुरुलिया सीट लेफ्ट फ्रंट से छीन ली थी। अभी इस सीट से बीजेपी के ज्योतिर्मय सिंह महतो सांसद हैं।

फॉरवर्ड ब्लॉक का कहना है कि पुरुलिया, कूचबिहार और बारासात उसकी पारंपरिक सीट रही है, जिस पर समझौता करना मुश्किल है। बशीरहाट और मुर्शिदाबाद सीट पर खुद सीपीएम ने दावेदारी कर रखी है।

कांग्रेस भी पुरुलिया और आसनसोल पर अड़ी है। मंगलवार को सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम दिल्ली पहुंचे और कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की। कांग्रेस नेता का कहना है कि पार्टी सीपीआई (एम) के लिए मुर्शिदाबाद छोड़ने के लिए तैयार हैं मगर लेफ्ट फ्रंट को पुरुलिया और आसनसोल सीट कांग्रेस को देनी होगी।