रांची : झारखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत स्वास्थ्य विभाग के अधीन काम कर रहे संविदा कर्मचारियों की नौकरी अब नियमित करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। संविदा कर्मियों के लिए यह बड़ी खुशखबरी है। इस संबंध में विभाग के उपसचिव ध्रुव प्रसाद ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के अभियान निदेशक को पत्र लिखकर संविदा कर्मियों का विस्तृत प्रतिवेदन मांगा है।
इस पत्र में यह भी कहा गया है कि कार्मिक प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग ने 13 नवंबर 2020 को निर्देश जारी किया था। राज्य सरकार के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के अधीन विभिन्न कार्यालयों व स्वास्थ्य संस्थानों में अनुबंध/संविदा पर कार्यरत कर्मियों की सेवाशर्तों में सुधार एवं नियमितीकरण किया जाना है। इसके निमित्त विस्तृत प्रतिवेदन 22 जनवरी तक स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराया जाए।
इस चिट्ठी में कर्मियों का प्रतिवेदन दो स्तर पर मांगा है। पहले प्रतिवेदन में वैसे कर्मियों का प्रतिवेदन मांगा गया है, जो केंद्र या राज्य प्रायोजित योजना को छोड़ अन्य प्रकार के संविदा कर्मी हैं। जबकि, दूसरी श्रेणी में वैसे अनुबंध कर्मियों का प्रतिवेदन मांगा गया है, जो केंद्र या राज्य प्रायोजित योजना के तहत अनुबंध पर कार्यरत हैं।
भारत सरकार द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार, झारखंड एनएचएम के तत्कालीन अभियान निदेशक की अध्यक्षता में अनुबंधकर्मियों के समायोजन को लेकर एक कमेटी गठित की गयी थी। समिति द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत रिक्त पदों के विरुद्ध एनएचएम में कार्यरत अनुबंधकर्मियों के समायोजन की अनुशंसा की गयी।
इसके बाद वर्ष 2014 में एनएचएम, झारखंड में अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों (एएनएम व ए ग्रेड नर्स को छोड़कर) के नियमितीकरण को लेकर संचिका भी प्रारंभ किया गया था। समय – समय पर इसे लेकर मांग उठती रही लेकिन सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया। राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रण के खतरे को लेकर भी सरकार सजह है।
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