कोलकाता: अयान शील को ईडी ने शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार की जांच में गिरफ्तार किया था। सॉल्टलेक स्थित उनके कार्यालय की तलाशी लेने के बाद नगरपालिका की नियुक्ति में भ्रष्टाचार की जानकारी जांचकर्ताओं के हाथ लगी। उस आधार पर स्थानीय निकाय निदेशालय (डीएलबी) ने राज्य की सभी नगरपालिकाओं से रिपोर्ट मांगी थी।
इसके साथ ही पूछा गया है कि 1 जनवरी 2014 से अब तक किन-किन पदों पर और कितने लोगों को नियुक्त किया गया है। सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर नगरपालिकाओं में आंदोलन शुरू हो गया है। पता चला है कि ईडी के संदर्भ में डीएलबी द्वारा राज्य की 121 नगरपालिकाओं को शुक्रवार को ‘मोस्ट अर्जेंट’ बताते हुए एक ईमेल भेजा गया था।
निर्दिष्ट तालिका में नगरपालिका का नाम, अधिसूचना की संख्या और तिथि, किस पद पर कितने लोगों को नियुक्त किया गया है और उनका नाम-पता, किस एजेंसी के माध्यम से नियुक्त किया गया है, वह सब बताया जाए। ईमेल में परीक्षा की ओएमआर शीट की सॉफ्ट कॉपी सोमवार तक जमा कराने को भी कहा गया है। पुन: 2012 और 2017 में संबंधित नगरपालिकाओं के चेयरमैन और कार्यपालक अधिकारियों के नाम और पते भी भेजे जा चुके हैं।
अयान के कार्यालय से प्राप्त सूची में बराहनगर, कमरहाट्टी, पानीहाटी, टीटागढ़, दक्षिण दमदम, उत्तर दमदम, दमदम सहित राज्य की लगभग 60 नगरपालिकाओं का उल्लेख है। सूत्रों के अनुसार अयान की कंपनी एबीएस इंफ्रोजोन प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से उस दौरान बाराहनगर नगरपालिका में 170, कमरहटी नगरपालिका में 303, टीटागढ़ नगरपालिका में 221, हालीशहर नगरपालिका में 39 लोगों की भर्ती की गई थी।
अयान की संस्था ने पानीहाटी में भर्ती प्रक्रिया शुरू की, लेकिन वह बीच में ही बंद हो गई। वहीं खड़दह नगरपालिका में 19 सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। इस मामले में कमरहटी के चेयरमैन गोपाल साहा ने कहा कि डीएलबी से एक ईमेल आया है, जिसमें भर्ती की जानकारी मांगी गई है। मैंने जवाब दिया है। सभी नियमों को मानते हुए लोगों की नियुक्ति की गयी हैं।