कार्यालय पर कब्जे को लेकर माकपा और तृणमूल में झड़प
माकपा नेताओं ने इस रुकावट के लिए शांतनु सेन के लोगों पर आरोप लगाए
कोलकाता: काशीपुर में एक बंद पार्टी कार्यालय पर कब्जे को लेकर तनाव फैल गया। सीपीएम का दावा है कि यह पार्टी कार्यालय उनका है, जबकि तृणमूल ने दावा किया कि यह उनका पार्टी कार्यालय है।
आरोप है कि सोमवार को माकपा नेतृत्व इलाके में बंद कार्यालय को खोलने गया, तो उन्हें बाधा दी गई। माकपा नेताओं ने इस रुकावट के लिए शांतनु सेन के लोगों पर आरोप लगाए। इस घटना को लेकर सोमवार को काफी हंगामा हुआ है। घटना की सूचना मिलने के बाद सिंथी थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंच कर स्थिति संभाली।
बता दें कि सीपीआईएम का काशीपुर बेलगछिया नंबर 3 एरिया कमेटी कार्यालय है। उसी कार्यालय को खोलने को लेकर विवाद पैदा हुआ। बाद में सिंथी थाने की पुलिस ने जाकर स्थिति को काबू में किया।
माकपा का दावा है कि काशीपुर बेलगछिया नंबर 3 एरिया कमेटी कार्यालय कई दिनों से बंद था जोकि उनका है। मई दिवस के मौके पर सीपीएम ने वहां रैली की और पार्टी ने कार्यालय खोलने का फैसला किया। पार्टी के नेता आए। कार्यकर्ता और समर्थक भी पहुंचे। वहीं, दुलाल बनर्जी भी नजर आए थे, जिन्होंने हाल में फिर से माकपा में वापसी की है।
सीपीएम ने आरोप लगाया कि स्थानीय तृणमूल नेता और राज्यसभा सांसद शांतनु सेन के समर्थक वहां आ गए और उन्हें रोका, इसलिए पार्टी कार्यालय नहीं खोला गया। हालांकि तृणमूल की ओर से दावा किया गया है कि सीपीएम के लोग पार्टी दफ्तर खोलकर हिंसा फैलाएंगे, इसलिए आम लोगों ने उन्हे पार्टी कार्यालय खोलने से रोक दिया।
इस संबंध में तृणमूल सांसद शांतनु सेन ने कहा कि मैं जिस वार्ड में रहता हूं, जिस वार्ड में मैं पार्षद था, यह घटना हुई है। इस वार्ड में दुलाल बनर्जी नाम का एक सीपीएम नेता रहता है, जिस पर दोहरे हत्याकांड का आरोप है। वह लंबे समय तक जेल में रहा है। वह मोहम्मद सलीम को पकड़कर माकपा में फिर से प्रवेश करने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी में अपनी संख्या बढ़ाने के लिए कॉमरेड कनिनिका घोष को लाकर तृणमूल ने एक पार्टी कार्यालय पर कब्जा करने की कोशिश की। चारों ओर लाल झंडे लगे हैं, होर्डिंग्स लगे हैं। विरोध करने पर हममें से कुछ को पीटा गया और हमला किया गया। वहीं, सीपीएम नेता कनिनिका घोष ने तृणमूल की ओर से लगाए गए सारे आरोपों को खारिज कर दिया।