कालियागंज : राधिकापुर के चंदगांव में भाजपा कार्यकर्ता मृत्युंजय बर्मन के परिवार को नौकरी की व्यवस्था समेत कालियागंज के मृत नाबालिग के परिवार को आर्थिक मुआवजा देने की मांग को लेकर एसएफआई, डीवाईएफआई समेत पांच वामपंथी संगठनों ने मार्च निकाला और जनसभा की। एक माह के भीतर उत्तर दिनाजपुर जिला के कालियागंज में नाबालिग लड़की से सामूहिक दुष्कर्म व हत्या, राधिकापुर के चांदगांव में पुलिस फायरिंग में मृत्युंजय की मौत व कालियागंज की मुस्तफानगर पंचायत के डांगीपाड़ा एक लाचार पिता का अपने पांच माह का बेटे सै बैग में शव लानो जैसी घटनाएं हुई है।
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मीनाक्षी समेत प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने सुबह तीन घरों में जाकर मृतक के परिजनों से बातचीत की। उन्होंने तीनों परिवारों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है। दोपहर में संगठन के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने कलियागंज कस्बे में शांति, सदभाव, एकता व न्याय का संदेश लेकर मार्च निकाला गया और महेंद्रगंज नाथ मंदिर में जनसभा का आयोजन किया गया। इस दौरान मीनाक्षी ने कहा कि ”कालियागंज में एक महीने में तीन मांओं के गोद सूने हो गये हैं। कुछ लोगों ने शांतिपूर्ण कालीगंज में खलल डालने की कोशिश की है।” उन्होंने यह भी कहा, “जो अपना पेट नहीं भर पा रहे हैं, वे अपने हाथों से काम नहीं कर पा रहे हैं, वे चुनाव से पहले लोगों से लड़ रहे हैं।
चुनाव से पहले आरएसएस नियंत्रित बीजेपी और तृणमूल अपने पुराने फॉर्मूले का फिर से इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है। इसे लेकर तृणमूल के जिलाध्यक्ष सचिन सिंह रॉय ने पलटवार करते हुए कहा कि “विधानसभा और उपचुनावों में माकपा भाजपा को बेच दिया गया था। उन्होंने कहा कि होने वाले पंचायत चुनाव से पहले माकपा ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए झूठे आरोप लगाना शुरू कर दिया है। जिला भाजपा अध्यक्ष वासुदेव सरकार ने कहा कि ”घटना के एक महीने बाद वह कालियागंज आए हैं और गंदे पानी में मछली पकड़ना चाहते हैं।”
जानकारी के अनुसार गुरुवार को कार्यक्रम में आदिवासी अधिकार मंच के राज्य सचिव पुलिन बिहारी बस्के, अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ की अध्यक्ष कनिका घोष बोस, एसएफआई की केंद्रीय समिति सदस्य नवनीता चक्रवर्ती सहित अन्य मौजूद रहे।