Gateway of India की दीवारों में आई दरार 

गेटवे ऑफ इंडिया पर मंडरा रहा है खतरा।

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मुंबई। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में स्थित ऐतिहासिक गेटवे ऑफ इंडिया पर खतरा मंडराने लगा है। ये खतरा किसी बाहरी मुल्क से नहीं बल्कि खुद गेटवे ऑफ इंडिया के कारण मंडरा रहा है।

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दरअसल महाराष्ट्र पुरातत्व विभाग द्वारा करीब 100 साल पुराने इस धरोहर की स्ट्रक्चरल ऑडिट यानी इमारतों और परिसरों की व्यापक जांच कराई गई, जिसकी रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक गेटवे ऑफ इंडिया की नींव से लेकर ऊपरी संरचना तक में दरारें आ गई हैं। यही नहीं रिपोर्ट में इन दरारों के चलते पूरे ढांचे के कमजोर होने को लेकर आगाह किया गया है। बता दें कि इस खबर के आने के बाद से इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने की कोशिश में लग गई है सरकार, साथ ही महाराष्ट्र सरकार से इस ऐतिहासिक धरोहर की मरम्मत के लिए आग्रह किया है।

दरअसल रिपोर्ट में बताया गया है कि इस इमारत में दरारों के साथ-साथ कई जगहों पर लगे पत्थर भी अपनी जगह से खिसकने लगे हैं, जिससे इमारत के गिरने का खतरा बढ़ गया है। वहीं रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कुछ साल पहले समंदर में उठे तूफान आने की वजह से गेटवे ऑफ इंडिया के पास की दीवार समंदर के थपेड़ों की वजह से टूट गई थी, तभी से इस पर खतरे का आभास होने लगा था।

बता दें कि इस ऐतिहासिक धरोहर की हिफाजत की जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार के पास है, ऐसे में राज्य सरकार पर इसकी अनदेखी करने का आरोप लगने लगा है। हालांकि महाराष्ट्र सरकार के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने यह आश्वासन दिया है कि ‘गेटवे ऑफ इंडिया की मरम्मत व रखरखाव के लिए करीब 8 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है। उम्मीद है कि जल्द से जल्द ही यह रकम पास हो जाएगी और जर्जर हो रही ऐतिहासिक इमारत को ठीक किया जाएगा।

बता दें कि मुंबई में समंदर किनारे स्थित इस ऐतिहासिक गेटवे ऑफ इंडिया का जन्म वर्ष 1924 में हुआ जब मुंबई बंबई हुआ करता था। बताया जाता है कि उस समय किंग जॉर्ज पंचम के आगमन की याद में इसे बनाया गया था। किंग जॉर्ज पंचम ने अपनी भारत यात्रा के दौरान सबसे पहले इसी जगह से प्रवेश किया था। वहीं अंग्रेजों की अंतिम टुकड़ी भी भारत को छोड़कर इसी गेटवे ऑफ इंडिया से वापस गई थी और भारत ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिली थी। अब देखना यह है कि महाराष्ट्र सरकार की तरफ से इसकी मरम्मत का काम कब शुरू किया जाता है।