रिजर्व बैंक के ऑफिस के सामने पिछले कुछ दिनों से हर रोज सैकड़ों लोगों की भीड़ 2000 रूपये बदलने के लिए उमड़ रही है । ये लोग 2000 रुपये के नोट बदलवाने के लिए हर रोज रिजर्व बैंक के दफ्तर के बाहर लम्बी लाइन में खड़े रहते हैं। यह मामला ओडिशा के भुवनेश्वर का है। 2000 रुपये के नोट को बदलवाने के लिए अचानक उमड़ी भीड़ से जांच एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। भीड़ की रिपोर्ट सामने आने के बाद एजेंसियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
हर रोज बदले जा रहे अरबों के नोट
एक रिपोर्ट के अनुसार भुवनेश्वर स्थित रिजर्व बैंक के कार्यालय में पिछले तीन दिनों से भारी भीड़ हुई है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के रीजनल डाइरेक्टर शरद प्रसन्न मोहंती ने इस बारे में एक इंटरव्यू में बताया है कि हर रोज करीब 700 लोग 2000 रुपये के नोट को बदलवाने के लिए आ रहे हैं। उनकी मानें तो रिजर्व बैंक के ओडिशा ऑफिस ने इस दौरान हर रोज एक से डेढ़ अरब रुपये की वैल्यू के 2000 के नोटों को बदला है।
नोट बदलवाने की खबर सामने आने के बाद जांच एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। ईडी और ईओडब्ल्यू यानी इकोनॉमिक ऑफेन्स विंग के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं आरबीआई रीजनल डाइरेक्टर का कहना है कि अगर जांच एजेंसियों व अधिकारियों को किसी तरह के डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी तो रिजर्व बैंक उन्हें मुहैया कराएगा।
नोटबंदी के बाद 2000 रुपये के नोटों को पेश किया गया था
रिजर्व बैंक ने नोटबंदी के बाद 2000 रुपये के नोटों को पेश किया था। देश में नवंबर 2016 में नोटबंदी की गई थी और तब चलन के 500 रुपये व 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए गए थे। उसके बाद 2000 रुपये के नोट लाए गए थे। रिजर्व बैंक ने 2018-19 से 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी थी। उसके बाद मई 2023 में रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने का फैसला किया। इसके तहत लोगों को 2000 रुपये के नोट बदलने का मौका दिया गया, जिसके लिए 7 अक्टूबर की डेडलाइन तय की गई। अभी भी 2000 रुपये के नोट लीगल टेंडर यानी वैध बने हुए हैं। डेडलाइन के बाद भी रिजर्व बैंक ने अपने कार्यालयों में 2000 रुपये के नोटों को बदलने की सुविधा दी है। पिछले महीने रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया था कि 96 फीसदी से ज्यादा 2000 रुपये के नोट वापस आ गए हैं। उन्होंने कहा था कि अब चलन में करीब 12 हजार करोड़ रुपये की वैल्यू के बराबर 2000 रुपये के नोट ही बाजार में हैं।