ब्यूरो रांची : धूर्त चीन धीरे – धीरे पाकिस्तान को निगलने के फिराक में लगा है। पाकिस्तान के खराब आर्थिक स्थिति का नाजायज फायदा उठाने में कोई कोर-कसर बाकी भी नहीं रख रहा हैं। बता दे कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में अलगाववादी संगठनों के बढ़ते हमलों के बीच चीन वहां के प्रोजेक्ट्स में अपनी सेना की तैनाती करेगा। चीनी दूतावास ने बलूचिस्तान में चीन के 23 इंजीनियरों पर हमले के बाद पाकिस्तान के गृह मंत्रालय को फाइल के जरिए इस फैसले के बारे में बता दिया है।
चीन ने कहा है कि वह सवा पांच लाख करोड़ रु. के सीपैक प्रोजेक्ट में लगे अपने 30 हजार नागरिकों की सुरक्षा पाकिस्तान के भरोसे नहीं छोड़ सकता है। चीन ने कहा है कि मध्य एशिया- अफ्रीका में चीन के प्रोजेक्ट्स में चीनी सेना- अर्द्धसैनिक बल हैं। यही मॉडल पाकिस्तान में शुरू हो सकता है। बलूचिस्तान में चीन के प्रोजेक्ट्स का स्थानीय लोगों द्वारा जबरदस्त विरोध किया जा रहा है।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के हमलों से चीन के नागरिकों को बचाने के लिए पाकिस्तान 31 हजार फौजियों की दो डिवीजन बना चुका है। इस पर पाकिस्तान को हर माह 80 लाख रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। लेकिन बलूचिस्तान की प्रोजेक्ट साइट पर पांच साल में 10 बड़े हमलों में 12 चीनी नागरिक मारे जा चुके हैं। राजनीतिक विश्लेषक कियाया बलूच का कहना है कि सीपैक प्रोजेक्ट पर पाकिस्तान अब फंस गया है।
बलूच संगठन काबू में नहीं आ रहे हैं। ऐसे में चीन प्रोजेक्ट में अपने फौजियों की तैनाती जरूर करेगा। ये चीन का अपने फौजियों को किसी देश में लाने का तरीका रहा है। चीन के कर्ज जाल में फंसा पाकिस्तान अब सीपैक से पीछे नहीं हट सकता है। बहरहाल, चीन के नापाक इरादे यह साबित कर रहे हैं की वह किसी का हाथ बढ़ता है मीठी मीठी बातें करता है, सहयोग के नाम पर चन्द पैसे देता है फिर दबोच लेता है।
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