चाकुलिया : चाकुलिया वन क्षेत्र के चार प्रखंडों की 19 पंचायतों के 100 से अधिक गांवों में हाथियों के आतंक के कारण कर्फ्यू है। रातें जाग कर कट रही हैं। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे। खेती किसानी पूरी तरह चौपट हो चुकी है। धान का कटोरा कहे जाने वाले चाकुलिया व बहरागोड़ा के खेतों में धान का एक दाना नहीं बोया गया है। यहां करीब 150 हाथी पिछले ढाई माह से डेरा जमाए हुए हैं। वन विभाग कुछ कर नहीं पा रहा। यहाँ तक की हाथी कब-कहां से आ जाएं, यह किसी को नहीं पता है इसलिए बच्चों के अभिभावक खुद ही छोड़ने व लेने जाते हैं। सूत्रों के अनुसार वहां के मुखिया ने बताया- 30 से ज्यादा हाथी पंचायत के माकड़ी, बड़ामारा, चेवठिया, नीमडीह, मुठाल, रांगामटिया, मौखेड़ा गांव में घुस गए। वही स्कूल की रसोइया ने के घर को 7 हाथियों के झुंड ने तोड़ दिया। बता दे कि हाथी भगाने वाली झारखंड व बंगाल की क्यूआरटी ने जंगलों में ऑपरेशन शुरू कर दिया। वही पश्चिम बंगाल ने अपने यहां हाथियों के प्रवेश को रोकने के लिए सीमा पर गहरा नाला खोद दिया हैं। इसलिए हाथी लंबे समय से चाकुलिया वन क्षेत्र में सिमट कर रह गए हैं। नहर व हाईवे बनने से हाथी रूट से भटक गए हैं। छेड़छाड़ के कारण उग्र होते जा रहे हैं। वही पश्चिम बंगाल से आए हाथी ज्यादा उत्पात मचा रहे हैं।
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