केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल पहुंचे रांची, सीएम हेमंत सोरेन से माँगा समर्थन
गैर भाजपा सरकारों पर प्रहार कर रही है केंद्र सरकार : हेमंत सोरेन
रांची : केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों से समर्थन मांगने के लिए देश भर में भ्रमण कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आज झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाक़ात की और संसद के दोनों सदनों में अध्यादेश को ख़ारिज करने के लिए समर्थन मांगा, अरविन्द केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी, राज्य सभा सदस्य संजय सिंह और राघव चड्डा भी मौजूद थे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कांके स्थित आवास पर दो घंटे से भी अधिक बातचीत के बाद सभी मीडिया के सामने आये.
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने क्रांतिकारी और ऐतिहासिक फैसला देते हुए सारे संवैधानिक अधिकार दिल्ली कि सरकार को दें दिया, लेकिन 19 मई की रात में केंद्र की मोदी सरकार ने एक अध्यादेश लाकर दिल्ली सरकार के सारे अधिकार को छीन लिया, जो दिल्ली की जनता का अपमान है. दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार उस अध्यादेश को संसद के मानसून सत्र में पेश करेगी, लेकिन विपक्षी एकता के जरिये उस अध्यादेश को ख़ारिज किया जा सकता है, लोकसभा में भाजपा को तो बहुमत है लेकिन राज्य सभा में बहुमत नहीं है. केजरीवाल ने कहा कि यह लड़ाई उनकी नहीं है, लोकतंत्र की रक्षा करने की लड़ाई है, केंद्र सरकार गैर भाजपा भाजपा सरकार को हर से परेशान कर रही है, कहीं विधायकों को तोड़ कर तो कहीं खरीद कर सरकारें गिराने में लगी रहती है, कई राज्यों में ईडी और सी बी आई का डर दिखा कर विधायकों को अपने पक्ष में करती है. केजरीवाल ने कहा की वे सभी विपक्षी दलों से समर्थन मांग रहे हैं, कांग्रेस से भी समय की मांग की है. अब कांग्रेस को तय करना है कि वह लोकतंत्र को के पक्ष में ख़डी रहेगी या मोदी सरकार के पक्ष में. यह कांग्रेस को तय करना है. केजरीवाल ने कहा कि वे भाजपा सांसदों को भी पत्र लिख कर समर्थन मांगेंगे.
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार गैर भाजपा सरकार पर प्रहार कर रही है, दिल्ली के मुख्यमंत्री के मामले में वे पार्टी के भीतर और दिशोम गुरु शिबू सोरेन से चर्चा करेंगे. हेमंत सोरेन ने कगा की देश की आजादी के लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान और कुर्बानियां दी, लेकिन उनकी बलिदान और कुर्बानी का मजाक उड़ाया जा रहा है. केंद्र सरकार संघीय ढांचा की बात जरूर करती है, लेकिन काम उसके विपरीत करती है. लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए उनका पूरा प्रयास होगा, उनके कहा कि दिल्ली में पूरे भारत के लोग रहते हैं और दिल्ली कि जनता से जिस तरह अधिकार छिना गया है, उसका पूरे देश में पड़ेगा.पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि अगर समय रहते हम सभी आवाज़ नहीं उठाते हैं तो लोकतंत्र कि अस्थियों को गंगा में बहाना पड़ेगा. यह लड़ाई इलेक्टेड और सेलेक्टेड के बीच का है. भाजपा जहां इलेक्शन नहीं जीतती है तो सेलेक्टेड का सहारा लेती है. गैर भाजपा सरकार के खिलाफ राज्यपाल का दुरूपयोग करती है, तो कहीं तोड़फोड़ की राजनीति करती है. 12 जून को पटना में विपक्षी एकता को आयोजित बैठक पर मीडिया के सवालों का दिल्ली के अरविन्द केजरीवाल ने कोई जवाब नहीं दिया. आप को बता दें कि अरविन्द केजरीवाल कल चेन्नई में वहाँ के सीएम स्टालिन से मुलाक़ात के बाद देर रात 9.30 बजे रांची पहुंचे, और आज सीएम हेमंत सोरेन से औपचारिक मुलाक़ात की.