पुरुलिया : चार महीने बाद कुर्मी समाज के लोगों का खास उत्सव करम है। इसके लेकर तृणमूल के कुर्मी नेताओं ने मुख्यमंत्री से इस बार सेक्शनल हॉलीडे का अनुरोध किया। बता दें कि जंगलमहल में हाल ही में हुए कुर्मी आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को नवान्न में पश्चिम मिदनापुर, झाड़ग्राम, बांकुड़ा और पुरुलिया के पार्टी नेताओं, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों के नेताओं के साथ बैठक की थी। सूत्रों के मुताबिक बुधवार को नवान्न में हुई बैठक में मौजूद सभी 17 लोगों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस बार करम उत्सव के दिन छुट्टी देने का अनुरोध किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि जंगलमहल में कुर्मी बड़ी संख्या में हैं तथा व राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में वास करते हैं। इसलिए राज्य सरकार को कुर्मियों की पारंपरिक और धार्मिक सांस्कृतिक परंपराओं के लिए उत्सव वाले दिन को पूर्ण अवकाश घोषित करने के लिये आवेदन किया है।
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सूत्रों के मुताबिक बैठक में ममता ने कहा कि करम पर्व के दिन अगर पूरी छुट्टी दी जाती है तो दूसरे समुदाय भी अपने खास दिन पर छुट्टी की मांग करेंगे। इसके बाद पुरुलिया के एक प्रतिनिधि ने सवाल उठाया कि छठ पूजा के दिन राज्य में पूरे दिन की छुट्टी दी जाती है तो फिर कुर्मियों के करम पर्व के दिन पर भी विचार करना चाहिए। बैठक में शामिल हुए एक कुर्मी नेता का कहना है कि ”मुख्यमंत्री ने इस मामले पर विचार करने का आश्वासन दिया है।” गौरतलब है कि ममता सरकार के दौरान करम उत्सव पर सेक्शनल अवकाश शुरू किया गया था। दूसरे शब्दों में, छुट्टी उन लोगों के लिए है जो उन क्षेत्रों में त्योहार मनाते हैं जहां यह होता है लेकिन कुर्मी सामाजिक संगठन इससे संतुष्ट नहीं हैं। कुर्मी समाज (पश्चिम बंगाल) के अध्यक्ष राजेश महतो कहते हैं, “परंपरागत करम कुर्मियों की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा है, जो हजारों सालों से चली आ रही है। कुर्मी समुदाय की भावनाओं का सम्मान करते हुए पूरी पार्टी के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित करना नितांत आवश्यक है।
वहीं आदिवासी जनजाति कुर्मी समाज के प्रदेश अध्यक्ष शिवाजी महतो ने कहा कि “पड़ोसी राज्य झारखंड में करम उत्सव पर पूर्ण सरकारी अवकाश दिया जाता है।” हालांकि इस राज्य में भले ही कई लाख कुर्मी हैं फिर भी छूट्टी नहीं होता है। यह कुर्मी संस्कृति का अपमान है।” जंगलमहल की एक प्रमुख झूमर संगीत कलाकार इंद्राणी महतो ने कहा कि “करम उत्सव हमारा शरदोत्सव है। इस दिन पूरी छुट्टी की मांग वाजिब है।” तृणमूल जिला के एक कुर्मी नेता का कहना है कि “दीदी से अपील की गई है। दीदी इस मामले को जरूर गंभीरता से लेंगी।”