पश्चिम बंगाल में अलग राज्य की मांग ने पकड़ा जोर

8 पार्टियों ने बनाया एक नया गठबंधन

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में एक अलग राज्य की मांग ने जोर पकड़ लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर बंगाल में 8 स्थानीय पार्टियां क्षेत्र में अलग राज्य की मांग को लेकर एकजुट हो गई हैं। इन पार्टियों ने ‘यूनाइटेड फ्रंट ऑफ सेपरेट स्टेट’ नाम से एकछत्र संगठन बनाया है। इस संगठन के तहत पहला सम्मेलन सोमवार की शाम सिलीगुड़ी में आयोजित किया गया, जो देर रात तक जारी रहा। बताया जा रहा है कि दुर्गापूजा का त्योहार बीतने के बाद यह संगठन सिलीगुड़ी में एक बड़ी रैली करेगा और अपनी मांगों को रखेगा। कोलकाता और दिल्ली में भी होंगी रैलियां!

 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, संगठन बनाने वाले दलों में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा, कामतापुर प्रोग्रेस पार्टी, कामतापुर पीपुल्स पार्टी (यूनाइटेड), ग्रेटर कूच बिहार पीपुल्स एसोसिएशन, जय बिरसा मुंडा उलगुलान, एससी-एसटी-ओबीसी मूवमेंट मंच, भूमिपुत्र यूनाइटेड पार्टी और अखिल भारतीय राजबंशी समाज शामिल है। नए अम्ब्रेला फ्रंट की कोर कमेटी में इनमें से हरेक पार्टी का एक प्रतिनिधि शामिल है। आगामी दुर्गा पूजा उत्सव के बाद यह संगठन सिलीगुड़ी में एक मेगा रैली का आयोजन करने वाला है और इसी दौरान यह अपनी मांग रखेगा। आने वाले समय में कोलकाता और नई दिल्ली में भी इसी तरह की रैलियां आयोजित करने की योजना है।

तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाए आरोप

मंगलवार को गोरखा जनमुक्ति मोर्चा सुप्रीमो बिमल गुरुंग ने कहा कि अब एक बड़े मकसद के लिए एकजुट आंदोलन करने का समय आ गया है, क्योंकि पूरा उत्तर बंगाल लंबे समय से वंचित रहा है। उन्होंने कहा, ‘’हम इस मामले को केंद्र और राज्य सरकार दोनों के सामने उठाएंगे।’ इस बीच, तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने आरोप लगाया है कि नए संयुक्त मोर्चे को भारतीय जनता पार्टी से गुप्त समर्थन मिल रहा है। इसमें यह भी दावा किया गया कि भगवा पार्टी के कई निर्वाचित विधायकों ने अतीत में क्षेत्र में एक अलग राज्य के समर्थन में आवाज उठाई है। वहीं, बीजेपी ने अभी तक इस घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी नहीं की है।