Jamshedpur : चड़क पूजा में भक्तों ने 200 साल पुरानी अद्भुत परंपरा को निभाया
चड़क पूजा कमेटी, तुपुडांग की ओर से शनिवार को परसुडीह स्थित तुपुडांग गांव में आयोजित चड़क मेले के दौरान भगवान शंकर के प्रति भक्तों की अटूट भक्ति दिखाई दी है।
जमशेदपुर : चड़क पूजा कमेटी, तुपुडांग की ओर से शनिवार को परसुडीह स्थित तुपुडांग गांव में आयोजित चड़क मेले के दौरान भगवान शंकर के प्रति भक्तों की अटूट भक्ति दिखाई दी है। भक्तों ने पीठ में लोहे की कील लगाकर 200 साल पुरानी अद्भुत परंपरा को निभाया है। भक्तों ने अपनी पीठ में हुक को गमछा के सहारे 40-50 फीट ऊंचे लकड़ी के खंभे में बांधकर नृत्य किया। इस दौरान गादा डांग में भक्तों को तीन चक्कर घुमाया गया। इस अद्भुत नृत्य को देखने के लिए झारखंड के विभिन्न कोनों से सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे। बतौर मुख्य अतिथि विधायक मंगल कालिंदी व विशिष्ट अतिथि पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह मौजूद थे। अतिथियों ने शिव मंदिर में जाकर मत्था टेका। कार्यक्रम को सफल बनाने मुखिया, ग्राम प्रधान समेत अन्य ने योगदान दिया।
मंदिर में मांगते है मन्नते :
चड़क पूजा के दौरान कई भक्त शिव मंदिर में मन्नत मांगते हैं। क्षेत्र के लोगों को आस्था व विश्वास है कि मंदिर में बुढा बाबा की पूजा अर्चना करने से उनकी मन्नतें पूरी हो जाती है। कई लोगों की मन्नतें पूरी भी होती है, इस वजह से मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी होती है. तुपुडांग में चड़क मेला पिछले 200 वर्षों से लग रहा है। यह मेला ग्रामीणों की भगवान शिव के प्रति अटूट श्रद्धा और भक्ति को दर्शाता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि 200 साल पूर्व एक किसान अपने खेत में हल जोत रहा था। गर्जन के साथ अचानक बारिश होने लगी। तेज बारिश के दौरान किसान खेत में गिर गया, उसके पीठ में लोहे की कील चुभ गई। दर्द से छटपटा रहे किसान ने कील निकालने के लिए हाथ पीछे किए तो खून के बदले उसके हाथों में दूध लग गया। उस दौरान भगवान शिव वहां प्रकट हुए और उस किसान अपना आशीर्वाद बताया। उसके बाद से तुपुडांग के ग्रामीण अच्छी फसल और गांव की खुशहाली के लिए पोइला वैशाख के दिन चड़क पूजा करते हैं।
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